चंडीगढ़: हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने मंगलवार को कहा कि उनकी सरकार ऐसे मजदूरों को वापस लौटने पर वित्तीय सहायता मुहैया कराएगी जो पंजीकृत निर्माण स्थलों पर काम करते थे और लॉकडॉउन के चलते अपने घर चले गए हैं. लॉकडाउन के दौरान हरियाणा, पंजाब, दिल्ली समेत उत्तर भारत के भी कई राज्यों से प्रवासी श्रमिक अपने घरों को लौट गए थे.
वापसी के किराए के लिए मिलेंगे 1,500 रुपये
जननायक जनता पार्टी की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि उपमुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार काम के लिये अपने गृह राज्यों से वापस यहां लौटने के इच्छुक प्रत्येक निर्माण मजदूर को यात्रा किराए के तौर पर 1,500 रुपये की वित्तीय मदद मुहैया कराएगी. बयान के अनुसार पंचकूला में निर्माण मजदूर कल्याण बोर्ड की बैठक के दौरान यह फैसला लिया गया है.
हरियाणा सरकार की ओर से ये सुविधा अगले 2 महीने तक उपलब्ध रहेगी. चौटाला ने साथ ही कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो हरियाणा सरकार श्रमिकों को वापस लाने के लिए सरकारी बसें भी उपलब्ध करवा सकती है.
3 लाख से ज्यादा श्रमिकों को 154 करोड़ की मदद
चौटाला के मुताबिक राज्य सरकार ने 3 लाख से ज्यादा श्रमिकों को बीते कुछ हफ्तों में 154 करोड़ की राशि भी दी, जिसके तहत हर हफ्ते उनको 1 हजार रुपये उपलब्ध कराए गए.
देशभर में 25 मार्च को शुरू हुए लॉकडाउन के बाद से ही लगातार प्रवासी श्रमिकों की स्थिति बड़ा मुद्दा बनी रही. लाखों की संख्या में देश के अलग-अलग राज्यों से प्रवासी श्रमिक अपने गृहराज्यों को लौटे थे, जिसके कारण आने वाले वक्त में उन राज्यों को श्रमिकों की कमी का सामना करना पड़ सकता है.
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