नई दिल्ली: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला के शपथ ग्रहण के करीब दो हफ्ते बाद भी मंत्रिपरिषद के विस्तार के लिए नामों पर अंतिम सहमति नहीं बनी है. 27 अक्टूबर को शपथ लेने के बाद खट्टर और दुष्यंत दोनों ने कहा था कि "मंत्रिमंडल विस्तार विधानसभा के विशेष सत्र के बाद किया जाएगा.'' 4 नवंबर को शुरू हुए तीन दिवसीय सत्र का समापन 6 नवंबर को हुआ. पहले दिन सभी नवनिर्वाचित विधायकों को विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता ने शपथ दिलाई.


हालांकि, दुष्यंत चौटाला ने कहा था कि बीजेपी को उनकी पार्टी (जननायक जनता पार्टी) के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने की अनुमति नहीं दी जाएगी. जेजेपी से किसे मंत्री पद मिलता है, इसका फैसला हमारे द्वारा किया जाएगा. मंत्रिमंडल विस्तार के लिए दोनों दल अपने-अपने विधायकों का चयन करेंगे.


खबरों के मुताबिक सात निर्दलीय विधायक जिन्होंने बीजेपी को 'बिना शर्त समर्थन' दिया था, वो मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने या कम से कम राज्य मंत्री का दर्जा दिए जाने की उम्मीद कर रहे हैं. सात निर्दलीय उम्मीदवारों में से छह बीजेपी के बागी हैं. यह भी कहा जा रहा है कि बीजेपी के राज्य प्रमुख सुभाष बराला को भी जल्द ही बदलने की संभावना है. दिग्गज नेता रामबिलास शर्मा उनकी जगह ले सकते हैं.


हरियाणा की 90 विधानसभा सीटों पर हुए चुनाव में बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनी थी. बीजेपी ने 40 सीटों पर जीत दर्ज की थी. वहीं कांग्रेस ने 31, दुष्यंत चौटाला की जेजेपी ने 10 सीटों पर जीत दर्ज की है. सात सीटों पर निर्दलीय विधायकों ने कब्जा जमाया था. राज्य में बीजेपी, जेजेपी और निर्दलीय उम्मीदवारों के समर्थन से सरकार बनाने में कामयाब हुई है.


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