नई दिल्लीः कोरोना वायरस से संक्रमित हुए हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री और गृह मंत्री अनिल विज को हॉस्पिटल से छुट्टी मिल गई है और वे घर लौट आए हैं. इसकी जानकारी विज ने ट्वीट करके दी है. विज ने ट्वीट किया 'मुझे आज मेदांता हॉस्पिटल से डिस्चार्ज कर दिया गया है. ऑक्सीजन सपोर्ट पर अब घर में ही रहूंगा.'


गौरतलब है कि अनिल विज (67) 5 दिसंबर को कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए थे. उससे पहले उन्होंने भारत बायोटेक कोविड-19 के संभावित टीके कोवैक्सीन तीसरे चरण के परीक्षण में स्वेच्छा से भाग लिया था. कोराना वायरस से संक्रमित पाए जाने के बाद उन्हें रोहतक के स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान (पीजीआईएमएस) में भर्ती कराया गया था.


 





15 दिसंबर को किया गया गया था मेदांता रेफर
इसके बाद 15 दिसंबर को कोरोना संक्रमित हरियाणा के स्वास्थ्य और गृह मंत्री अनिल विज को मेदांता हॉस्पिटल रेफर कर दिया गया था. क्योकि उनकी हालत धीरे-धीरे और ख़राब होती जा रही थी और दवाइयों का भी असर नहीं हो रहा था.


विज को कोवैक्सीन का एक टीका लगा था
बता दें कि भारत बायोटेक कोविड-19 के संभावित टीके कोवैक्सीन पर काम कर रही है. इस टीके के तीसरे चरण के परीक्षण के लिए भाजपा के 67 वर्षीय नेता ने स्वेच्छा से आगे आकर खुराक लेने की पेशकश की थी. उन्हें परीक्षण के लिए दो टीके लगाए जाने थे, जिनमें से एक उन्हें अंबाला छावनी के सिविल अस्पताल में 20 नवंबर को दिया गया था.


कोवैक्सीन की दूसरी खुराक के कुछ दिन बाद बनती है एंटीबॉडी
भारत बायोटेक ने कहा था कि टीके के क्लिनिकल परीक्षण में दो खुराकें 28 दिन के अंतराल पर दी जाती हैं और टीके का प्रभाव दूसरी खुराक देने के दो हफ्ते बाद पता लगाया जाता है. इस मामले में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को भी दखल देना पड़ा था और उसने कहा था कि कोवैक्सीन की दूसरी खुराक देने के कुछ दिन बीतने के बाद इंसान के शरीर में संक्रमण के खिलाफ एंटीबॉडी बनती हैं, जबकि विज को सिर्फ एक ही खुराक दी गई थी.


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