चंडीगढ़: इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) में आपसी तकरार कम होने का नाम नहीं ले रहा है. गुरुवार को पार्टी अध्यक्ष ओमप्रकाश चौटाला के द्वारा पार्टी की छात्र इकाई इंडियन नेशनल स्टूडेंट्स ऑर्गेनाइजेशन (इनसो) को भंग करने के बाद यह आंतरिक कलह सामने आया है. छात्र इकाई भंग करने के बावजूद पार्टी नेता और ओमप्रकाश चौटाला के पोते दिग्विजय चौटाला ने इस फैसले को मानने से इनकार कर दिया है.


इनसो के प्रमुख दिग्विजय चौटाला का कहना है कि ओमप्रकाश चौटाला उस इकाई को भंग नहीं कर सकते हैं जिसके वो चीफ नहीं हैं. दिग्विजय हरियाणा के हिसार से इनेलो सांसद दुष्यंत चौटाला के बड़े भाई हैं. दिग्विजय चौटाला और दुष्यंत चौटाला ओमप्रकाश चौटाला के बड़े बेटे अजय सिंह चौटाला के बेटे हैं.


हालांकि, शुक्रवार को इनेलो के वरिष्ठ नेता अभय सिंह चौटाला ने परिवार में आपसी मनमुटाव की खबरों को नकार दिया. उन्होंने कहा कि दुष्यंत और दिग्विजय उनके ‘‘अपने बच्चे’’ हैं, लेकिन जोर दिया कि पार्टी के अनुशासन को भंग करने पर कार्रवाई की जाएगी. इस बीच दिग्विजय ने शुक्रवार को भी बागी तेवर दिखाए. चौटाला परिवार में मनमुटाव गुरुवार को उस समय सामने आ गया जब इनेलो के अध्यक्ष ओमप्रकाश चौटाला ने पार्टी की छात्र और युवा इकाइयों को भंग कर दिया. इनका नेतृत्व दुष्यंत और दिग्विजय कर रहे थे.


अभय सिंह चौटाला ओमप्रकाश चौटाला के छोटे बेटे हैं. दुष्यंत और दिग्विजय अभय के बड़े भाई अजय सिंह चौटाला के बेटे हैं. अभय ने कहा कि दुष्यंत और दिग्विजय के साथ कोई मनमुटाव नहीं है, वे हमारे बच्चे हैं. हालांकि, उन्होंने कहा कि अनुशासन हमारी पार्टी की सबसे बड़ी ताकत है. अगर कोई भी उसका उल्लंघन करता है तो पार्टी कार्रवाई करेगी.


अभय ने चंडीगढ़ स्थित अपने घर पर मनमुटाव को लेकर सवालों के जवाब देने के लिए बुलाए गई मीडिया के सामने कहा कि उन्हें इस बात की कोई जानकारी नहीं है कि क्या हिसार लोकसभा सीट से इनेलो के सांसद दुष्यंत को पार्टी से निकाल दिया गया है. इस बीच दिग्विजय ने नई दिल्ली में दोहराया कि उनके दादा ओम प्रकाश चौटाला उस इंडियन नेशनल स्टूडेंट्स ऑर्गेनाइजेशन (इनसो) को भंग नहीं कर सकते जिसके वह प्रमुख नहीं हैं.


दिग्विजय ने कहा, ‘‘यूं तो इनसो वैचारिक तौर पर इनेलो से संबद्ध है लेकिन यह सोसाइटी कानून के तहत एक अलग इकाई और एक रजिस्टर्ड संगठन है. इसके संस्थापक मेरे पिता अजय चौटाला को सिर्फ इसकी कार्यकारिणी के कामकाज के बारे में फैसला करने का अधिकार है.’’ गोहाना में सात अक्टूबर को एक रैली में युवाओं के एक समूह ने अभय के खिलाफ नारेबाजी की और दुष्यंत के लिए तालियां बजाई थीं. इसके बाद इनेलो की इन दोनों इकाइयों को गुरुवार को भंग कर दिया गया था.


गोहाना में रैली के पूर्व उप-प्रधानमंत्री देवी लाल की 105वीं जयंती के मौके पर आयोजित की गई थी. अभय ने कहा कि छात्र और युवा इकाइयों से रैली का संचालन सुनिश्चित करने के लिए कहा गया था और जब वे ऐसा करने में नाकाम रहे तब चौटाला साहब ने यह कदम उठाया.


यह भी पढ़ें-


जम्मू-कश्मीर: निकाय चुनाव के लिए वोटिंग के बीच मुठभेड़, एक जवान शहीद, आतंकी जहूर ढेर


UN में भारत की ऐतिहासिक जीत, मानवाधिकार परिषद में मिली जगह


देखें वीडियो-