हरियाणा विधानसभा में मनोहर लाल खट्टर सरकार के खिलाफ कांग्रेस के अविश्वास प्रस्ताव से पहले, वरिष्ठ जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) विधायक देवेंद्र सिंह बबली ने अपनी पार्टी से किसानों के मुद्दों पर बीजेपी सरकार से समर्थन वापस लेने का आग्रह किया. देवेंद्र बबली ने कहा कि ग्रामीण हरियाणा में स्थिति ऐसी है कि लोग विधायकों को अपने गांवों में प्रवेश नहीं करने देंगे.


जेजेपी से लोग नाखुश


देवेंद्र सिंह बबली ने कहा, अब स्थिति ऐसी है कि हमें (जेजेपी) अब सरकार को छोड़ देना चाहिए क्योंकि लोग हमसे नाखुश हैं, लोग हमें अपने गांवों में प्रवेश नहीं करने देते, मैं मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री से गांवों में कार्यक्रम आयोजित करने का आग्रह करता हूं ... या किसी अन्य विधायक से ऐसा करने के लिए कहता हूं तो.. लोग हमें लाठी से पीटेंगे, हमें खुद को बचाने के लिए लोहे का कवच और हेलमेट लेना होगा.





हरियाणा में बीजेपी और जेजेपी गठबंधन की है सरकार


वहीं देवेंद्र सिंह बबली की टिप्पणी के कुछ घंटे बाद जेजेपी ने अपने विधायकों को  सदन में मौजूद रहने और "अविश्वास प्रस्ताव के खिलाफ सरकार के रुख का समर्थन" करने का व्हिप जारी किया था. जिस पर  बबली ने कहा कि पार्टी अपने विधायकों को व्हिप जारी करके भाजपा के समर्थन में वोट करने के लिए मजबूर कर रही है. बता दें कि बीजेपी और कांग्रेस ने भी अपने विधायकों को व्हिप जारी किया है. गौरतलब है कि हरियाणा में बीजेपी और जेजेपी गठबंधन की सरकार है.


कांग्रेस ने बीजेपी-जेजेपी के खिलाफ पेश किया अविश्वास प्रस्ताव


वहीं बता दें कि हरियाणा विधानसभा में आज मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस की ओर से बीजेपी-जेजेपी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश कर दिया गया है. विधानसभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता ने इस पर चर्चा के लिए दो घंटे का समय निर्धारित किया है. प्रश्नकाल खत्म होने के बाद अध्यक्ष ने मंत्रिमंडल के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव के नोटिस को स्वीकार कर लिया. हुड्डा ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के नेतृत्व वाले हरियाणा मंत्रिमंडल के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया है.इससे पहले हुड्डा ने संवाददाताओं से कहा था, 'अविश्वास प्रस्ताव से लोगों को पता चलेगा कि कितने विधायक सरकार के साथ हैं और कितने विधायक किसानों के साथ खड़े हैं.'


बीजेपी के समर्थन में कौन-कौन
बता दें कि 90 सदस्यीय विधानसभा में वर्तमान में सदस्यों की कुल संख्या 88 है, जिसमें सत्तारूढ़ बीजेपी के 40 सदस्य, जेजेपी के 10 और कांग्रेस के 30 सदस्य हैं. जेजेपी के अलावा सात निर्दलीय विधायक हैं और एक सदस्य हरियाणा लोकहित पार्टी का है, जिसने बीजेपी सरकार को अपना समर्थन दिया हुआ है. वहीं किसान आंदोलन की वजह से जेजेपी प्रमुख दुष्यंत चौटाला पर लगातार दबाव बढ़ रहा है. अगर जेजेपी अपना समर्थन वापस भी ले लेती है तो भी राज्य में बीजेपी सरकार बनी रह सकती है. क्योंकि बीजेपी का दावा है कि उसके पास पांच और निर्दलीय का भी समर्थन है.


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