नई दिल्लीः पंचकूला में एक जमीन दोबारा एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) को देने के मामले में सीबीआई ने हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और कांग्रेस नेता मोतीलाल वोरा के खिलाफ शनिवार को आरोप पत्र दायर किया. एजेएल पर कथित तौर पर कांग्रेस के नेताओं का नियंत्रण है. केंद्रीय एजेंसी ने एक विशेष अदालत में आरोपपत्र दायर किया. एजेंसी का आरोप है कि सी-17 नाम के जमीन के टुकड़े को दोबारा आवंटित करने की वजह से राजकोष को 67 लाख रुपये का नुकसान उठाना पड़ा.
एजेंसी ने हरियाणा के तात्कालीन मुख्यमंत्री हुड्डा (जो कि उस समय हरियाणा अर्बन डेवलपमेंट अथॉरिटी 'HUDA' के अध्यक्ष भी थे) और एजेएल के अध्यक्ष वोरा और कंपनी पर भारतीय दंड संहिता की आपराधिक षडयंत्र से संबंधित धाराओं और भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के प्रावधानों के तहत आरोप लगाए गए हैं.
आरोप पत्र में सीबीआई ने कहा है कि एजेएल को 1982 में पंचकूला में जमीन का एक टुकड़ा आवंटित किया गया था जिस पर 1992 तक कोई निर्माण कार्य नहीं हुआ. हुड्डा ने इसके बाद उस जमीन के टुकड़े को वापस अपने कब्जे में ले लिया.
आरोपपत्र में कहा गया है कि दोबारा यही जमीन एजेएल को 2005 में उसी दर पर फिर दे दी गई. यह हूडा के अध्यक्ष हुड्डा द्वारा किया गया मानदंडों का उल्लंघन था. एजेएल पर कांग्रेस के नेताओं का कथित तौर पर नियंत्रण है, जिसमें गांधी परिवार भी शामिल है. यह एजेएल समूह नेशनल हेराल्ड समाचार पत्र का प्रकाशन भी करता है.
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