कोरोना महामारी के इस दौर में जहां एक ओर हजारों असंवेदनशील लोग अपने परिवार के लोगों की अंतिम क्रिया नहीं करते, वहीं हिसार में एक शख्स ने कोरोना से मरने वाले ऐसे 300 लोगों का अंतिम संस्कार पूरी मान-मर्यादा के साथ किया था. लेकिन समय के काल ने उन्हें भी अपनी चपेट में ले लिया और कोविड-19 संक्रमण के कारण वे भी इस दुनिया से चल बसे.
43 वर्षीय प्रवीण कुमार हिसार म्युनिसपल कॉरपोरेशन में कार्यरत थे. उनके नेतृत्व में एक टीम गठित थी जो कोरोना से मरने वाले लोगों का अंतिम संस्कार रीति-रीवाज से करते थे. टीओआई में छपी खबर के मुताबिक प्रवीण कुमार का सोमवार की रात को निधन हो गया. कोरोना पॉजिटिव होने के बाद बमुश्किल वे दो दिनों तक जीवित रहे.
दो दिन पहले ही कोरोना पॉजिटिव हुए थे
मंगलवार को हिसार के ऋषि नगर क्रिमोटोरियम में उनकी टीम के सदस्यों ने ही उनका कोरोना प्रोटोकॉल के तहत अंतिम संस्कार कर दिया. अंतिम संस्कार में हिसार के मेयर गौतम सरदाना, म्युनिसपल कॉरपोरेशन के कमिश्नर अशोक कुमार गर्ग और अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे. प्रवीण कुमार के घर में पत्नी और दो बेटे हैं. एक बेटा नगर निगम में ही कार्यरत हैं जबकि एक बेटा अभी पढ़ाई कर रहा है.
कुमार संयुक्त परिवार में अपने भाई के साथ रहता है. हिसार म्युनिसपल कॉरपोरेशन के प्रवक्ता सुनील बेनीवाल ने बताया कि पिछले साल से प्रवीण ने 300 से ज्यादा कोविड पॉजिटिव लोगों का अंतिम संस्कार किया. दो दिन पहले ही वे कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे. इसके बाद उन्हें एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया. ऑक्सीजन लेवल बहुत ज्यादा नीचे आ जाने के कारण उनकी मौत हो गई.
ऑक्सीजन लेवल 40 तक आ गया था
म्युनिसपल कॉरपोरेशन के मेयर गौतम सरदाना ने बताया कि प्रवीण उनके बचपन के दोस्त थे. उन्होंने अपना करीबी मित्र को खो दिया. हरियाणा सर्व कर्मचारी संघ के नेता सुरिंद्र मान ने बताया प्रवीण वास्तव में सच्चे कोरोना वारियर थे. हिसार संघर्ष समिति के प्रमुख जीतेंद्र शिवोरन ने हालांकि बताया कि रविवार को प्रवीण के परिवार को अस्पताल की व्यवस्था करने में तीन घंटे का समय लग गया. इस बीच ऑक्सीजन लेवल 40 तक पहुंच गया. उन्होंने आरोप लगाया कि हिसार प्रशासन ने उनके लिए अस्पताल में बेड की व्यवस्था नहीं की. हालांकि हिसार के मेयर ने इसपर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी.