नई दिल्ली: फिल्म पद्मावती को लेकर महाभारत थमने का नाम नहीं ले रहा है. फिल्म में इतिहास से छेड़छाड़ के आरोप को लेकर जो संग्राम चल रहा है उसपर राजनीति भी खूब हो रही है. अब हरियाणा के मंत्री अनिल विज भी इस विवाद में कूद पड़े हैं.
करणी सेना ने राजस्थान के सीकर में आने वाली फिल्म पद्मावती के खिलाफ आक्रोश रैली निकाली. करणी सेना ने न सिर्फ फिल्म पर रोक की मांग की बल्कि सिनेमाघरों में आग लगाने तक की धमकी भी दी है. संजय लीला भंसाली की फिल्म पद्मावती में इतिहास से छेड़छाड़ और रानी पद्मावती के चरित्र को गलत तरीके से दिखाने का आरोप लग रहा है.
देश भर में विरोध
राजस्थान ही नहीं देश के कई हिस्सों में पद्मावती का विरोध हो रहा है. बेंगलूरु में भी राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना ने पूरे कर्नाटक में फिल्म को रिलीज नहीं होने देने की धमकी दी है और कल स्वाभिमान पदयात्रा निकालने का एलान किया है.
अनिल विज का बयान
राजपूत संगठन के अलावा फिल्म पद्मावती को लेकर राजनीति भी खूब हो रही है. अपने बयानों से विवादों में रहने वाले हरियाणा के मंत्री अनिल विज का नाम भी अब इस कड़ी में जुड़ गया है. अनिल विज ने कहा संजय लीला भंसाली ने न सिर्फ रानी पद्मावती की छवि धूमिल की है बल्कि सतीप्रथा के खिलाफ भारतीय कानून का भी उल्लंघन किया है. लोगों की भावनाओं का ख्याल करते हुए सेंसर बोर्ड को फिल्म पर रोक लगा देनी चाहिए. चरित्रवान रानी पद्मावती को डांस करते दिखाना इतिहास से छेड़छाड़ और भारतीय समाज का अपमान है.
अनिल विज ने निर्देशक संजय लीला भंसाली पर निशाना साधते हुए कहा कि भंसाली को अलाउद्दीन खिलजी जैसे लोगों की ही कहानी क्यों मिलती है जिसने भारतीय समाज को आहत किया है. भारतीय समाज में भी ऐसे अनेक वीर हैं जिनकी गाथा दिखाई जा सकती है लेकिन भंसाली ऐसा नहीं करेंगे क्योंकि वो एक विचारधारा को बढ़ावा देने के लिए काम करते हैं.
फिल्म को लेकर संजय लीला भंसाली पहले ही सफाई दे चुके हैं और अब फिल्म के निर्माताओं ने भी एलान किया है कि जिन्हें लगता है फिल्म में कुछ भी आपत्तिजनक है तो वो उन लोगों को पहले फिल्म दिखाने के लिए तैयार हैं.