नई दिल्ली: किसान आंदोलन के बीच हरियणा में बीजेपी-जेजेपी गठबंधन को नगर निगम चुनाव में बड़ा झटका लगा है. महापौर की तीन सीटों के लिए हुए चुनाव में उसे सिर्फ एक जगह ही कामयाबी मिल सकी. अंबाला, पंचकुला और सोनीपत शहरों में महापौर पद के लिए रविवार को चुनाव हुए थे.


बीजेपी को पंचकुला में जीतने के लिए संघर्ष करना पड़ा वहीं कांग्रेस और हरियाणा जन चेतना पार्टी ने क्रमशः सोनीपत और अंबाला में जीत हासिल की. यह पहला मौका था कि तीन शहरों में महापौर पदों के लिए प्रत्यक्ष चुनाव हुए थे.


दो साल पहले हरियाणा के पांच शहरों में महापौर चुनावों में बीजेपी को जीत मिली थी. बीजेपी ने 2018 में हिसार, करनाल, पानीपत, रोहतक और यमुनानगर में महापौर के चुनाव जीते थे. इस साल नवंबर में, सत्तारूढ़ गठबंधन को उस समय झटका लगा था जब सोनीपत में बडोदा विधानसभा उपचुनाव जीतने में उसे हार का सामना करना पड़ा. कांग्रेस ने सीट पर अपना कब्जा बरकरार रखा.


कुछ जानकारों का मानना है कि स्थानीय चुनाव में भी किसान आंदोलन का असर देखने को मिला है. इसी के चलते सत्ताधारी गठबंधन को महज एक नगर निगम ही मिला. वहीं दूसरी ओर कुछ जानकार इसे स्थानीय मुद्दों और प्रत्याशियों के लिए नाराजगी के तौर पर भी देख रहे हैं.


कहां से कौन जीता?
अंबाला में महापौर पद के लिए हुए चुनाव में पूर्व केंद्रीय मंत्री विनोद शर्मा की पत्नी और हरियाणा जन चेतना पार्टी (एचजेसीपी) की उम्मीदवार शक्ति रानी शर्मा विजयी रहीं. उन्होंने बीजेपी उम्मीदवार वंदना शर्मा को 8,084 मतों से हराया. अधिकारियों ने बताया कि कांग्रेस उम्मीदवार चौथे स्थान पर रहे.


बीजेपी के कुलभूषण गोयल पंचकूला में नए महापौर होंगे. उन्होंने कांग्रेस की उपिंदर कौर अहलूवालिया को 2,057 वोटों से हराया. पंचकूला में 1,333 मतदाताओं ने नोटा विकल्प का प्रयोग किया. सोनीपत में कांग्रेस ने महापौर का चुनाव जीता. पार्टी के निखिल मदान ने बीजेपी के ललित बत्रा को 13,818 मतों से पराजित किया.


तीजों पर क्या बोले सीएम खट्टर?
चुनाव परिणाम के बाद मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि बीजेपी ने सभी राजनीतिक दल से अधिक वोट हासिल की है. उन्होंने कहा, ''मैं बीजेपी की नीतियों में विश्वास जताने वाले सभी सम्मानित मतदाताओं का हृदय से आभार प्रकट करता हूं. बीजेपी के सभी विजयी प्रत्याशियों व कार्यकर्ताओं को मैं बधाई देता हूं.''


हुड्डा ने बीजेपी-जेजेपी को लेकर क्या कहा?
वहीं हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता भूपेंद्र हुड्डा ने कहा कि बरोदा उपचुनाव के बाद नगर निगम चुनाव में भी सोनीपत की जनता ने प्रदेश की गठबंधन सरकार को अपना फैसला सुना दिया है.


पार्षद को लेकर हुए चुनाव में क्या रहा समीकरण?
तीनों शहरों के सभी वार्डों के पार्षदों के चुनाव के लिए भी मतदान हुआ था. रेवाड़ी में नगरपालिका परिषद के अध्यक्ष और सदस्यों के अलावा सांपला (रोहतक), धारूहेड़ा (रेवाड़ी) और उकलाना (हिसार) की नगरपालिका समितियों के चुनाव के लिए भी मतदान हुआ था. अंबाला में बीजेपी ने 20 में से आठ, एचजेसीपी ने सात, कांग्रेस ने तीन और हरियाणा डेमोक्रेटिक फ्रंट ने दो सीटें जीतीं.


सोनीपत में बीजेपी ने 10 वार्ड में जीत हासिल की जबकि कांग्रेस को नौ सीटें मिलीं, वहीं एक सीट पर निर्दलीय विजयी हुआ. पंचकुला में बीजेपी और कांग्रेस ने क्रमशः नौ और सात सीटें जीतीं वहीं जेजेपी को दो सीटें मिलीं.


रेवाड़ी नगरपालिका अध्यक्ष के लिए चुनाव में बीजेपी की पूनम यादव विजयी रहीं. उन्होंने निर्दलीय उम्मीदवार उपमा यादव को 2,087 मतों से हराया. कांग्रेस तीसरे स्थान पर रही. बीजेपी-जेजेपी गठबंधन धारुहेड़ा, सांपला और उकलाना में नगरपालिका समितियों का अध्यक्ष पद हासिल करने में विफल रहा. वहां निर्दलीय उम्मीदवारों को जीत हासिल हुयी. धारुहेड़ा से कंवर सिंह, सांपला से पूजा और उकलाना में सुशील साहू वाला विजयी हुए.


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