चंडीगढ़: हरियाणा के सोनीपत जिले में ऑन-ड्यूटी दो पुलिसकर्मियों की हत्या के आरोप में हरियाणा पुलिस ने 5 लोगों को गिरफ्तार किया है और एक अरोपी को जींद जिले में एनकाउंटर में मार गिराया है. पुलिस ने सोमवार को इसकी पुष्टि की. आरोपियों की पहचान इसलिए आसान हो गई क्योंकि मरने वाले पुलिसकर्मियों में एक रविन्द्र सिंह (28) ने मरने से पहले आरोपियों के वाहन के नंबर अपनी हथेली पर लिख लिया था. इस क्लू के बिना पुलिस को अरोपियों की पहचान में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा था.
वाहन के नंबर पोस्टमार्टम के दौरान उसकी हथेली पर नजर आए जिससे रविन्द्र और उसके साथी एसपीओ कप्तान सिंह (43) की मौत की गुत्थी सुलझ सकी.
हरियाणा के डीजीपी मनोज यादव के अनुसार यह एक बुनियादी कौशल था, जिसे कांस्टेबल रविन्द्र सिंह ने जान गंवाने से पहले प्रदर्शित किया. उसने अपने हाथ पर वाहन का नंबर लिख लिया था जिसे पोस्टमार्टम के दौरान देखा गया. यादव ने कहा कि रविंदर सिंह को मरणोपरांत पुलिस पदक के लिए सिफारिश की जाएगी.
रविन्द्र सिंह और कप्तान सिंह पिछले मंगलवार को खून से लथपथ मिले थे. प्रारंभिक पूछताछ से पता चला है कि आरोपी कर्फ्यू के बावजूद बुटाना पुलिस स्टेशन के पास सोनीपत-जींद रोड के किनारे कार में बैठकर शराब पी रहे थे. पुलिसकर्मियों ने शराब पीने से रोकने का प्रयास किया, जिससे बहस हुई. फिर उन्होंने पुलिसकर्मियों पर धारदार हथियार से हमला कर दिया और अपने वाहन से जींद की ओर चले गए.
गैंगस्टर विकास दुबे द्वारा उत्तरप्रदेश के आठ पुलिसकर्मियों की हत्या के मद्देनजर हरियाणा पुलिस ने एक अभियुक्त को पकड़ने के दौरान पुलिस को मौजूदा एसओपी (स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिजर) की पालना की भी याद दिलाई. डीजीपी मनोज यादव के अनुसार "एसओपी पहले से है और इसे सिर्फ दोहराने की जरूरत है। इस तरह के ऑपरेशन के दौरान पुलिसकर्मियों द्वारा बुलेटप्रूफ जैकेट उपयोग करना, ऑपरेशन की गोपनीयता बनाए रखने जैसे कुछ ऐसे दिशानिर्देश हैं, जो पहले से ही हैं."