नई दिल्ली: दो साथी किसानों की रिहाई की मांग को लेकर किसान नेताओं और प्रशासन के बीच हुई बैठक बेनतीजा रही है. इन किसानों को हरियाणा पुलिस ने जेजेपी विधायक देवेंद्र बबली के साथ हुए विवाद के बाद हिरासत में ले लिया था, जिसके बाद शनिवार रात से फतेहाबाद जिले स्थित टोहाना सदर पुलिस थाना के सामने बड़ी संख्या में किसान धरने पर बैठें हैं.


दोनों किसानों की रिहाई की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे किसान नेताओं की आज प्रशासन से बातचीत हुई. हालांकि कोई नतीजा नहीं निकला. इसके बाद राकेश टिकैत ने कहा कि जब तक किसानों को नहीं छोड़ा जाएगा, प्रदर्शन जारी रहेगा.


किसानों ने स्थानीय जेजेपी विधायक देवेंद्र बबली पर कथित रूप से दुर्व्यवहार करने का आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ भी केस दर्ज करने की मांग की है. हालांकि, बाद में बबली ने किसानों के खिलाफ अनुचित शब्द कहने के लिए खेद प्रकट किया था. बबली ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो क्लिप पोस्ट करके कहा कि वह उन लोगों को उन कृत्यों के लिए माफ करते हैं जिन्होंने एक जून को उनके साथ किया.


उन्होंने कहा, ‘‘मैंने कुछ शब्द कहे जो उचित नहीं थे. मैं जनप्रतिनिधि हूं, अत: मैं उन सभी शब्दों को वापस लेता हूं और उनके लिए खेद प्रकट करता हूं.’’



क्या है जेजेपी विधायक का आरोप


एक जून को जननायक जनता पार्टी (जजपा) के विधायक के खिलाफ किसानों के एक समूह ने प्रदर्शन किया था और उनके खिलाफ नारेबाजी करने के साथ-साथ काले झंडे दिखाए थे. जेजेपी एमएलए देवेंद्र बबली ने आरोप लगाया था कि कुछ प्रदर्शनकारियों ने उनके साथ दुर्व्यवहार किया और उनकी एसयूवी कार के सामने के शीशे को तोड़ दिया. हालांकि, किसानों का आरोप है कि बबली ने सार्वजनिक रूप से किसानों के खिलाफ अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया और उन्हें धमकी दी.


इससे पहले टिकैत ने कहा कि उनका प्रदर्शन तबतक जारी रहेगा जबतक कृषि कानून वापस नहीं हो जाते और कृषि उपज के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी वाला कानून लागू नहीं हो जाता. उन्होंने कहा, ‘‘भारत सरकार को इन काले कानूनों को वापस लेना ही होगा. चाहे वह वर्ष 2022 में ले या 2023 में। वर्ष 2024 में ये कानून वापस हो जाएंगे, यह निश्चित है.’’


टिकैत ने जोर देकर कहा कि किसानों का आंदोलन 2024 तक जारी रहेगा. संयुक्त किसान मोर्चा नेता योगेंद्र यादव ने भी केंद्र सरकार की आलोचना की.


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