रेवाड़ीरेवाड़ी के गोठड़ गांव की बेटियों के सामने आज सरकार को झुकना पड़ा. दसवीं तक के स्कूल को 12वीं तक करने की मांग को लेकर एक हफ्ते से गांव की बच्चियां अनशन पर बैठी हुई थीं.


बच्चियों को पढ़ने के लिए दूसरे गांव जाना पड़ता था और रास्ते में मनचले इनके साथ छेड़खानी करते थे. आखिरकार जब डीसी यश गर्ग ने गांव के स्कूल को 12वीं तक करने की चिट्ठी सौंपी तब जाकर बच्चियों ने अपना अनशन तोड़ा. गोठड़ा टप्पा गांव में यश गर्ग ने कहा कि कल से ही एडमिशन शुरू हो जाएगा और जल्द ही टीचर और दूसरे स्टाफ मुहैया करा दिए जाएंगे.


पिछले एक हफ्ते से ये लड़कियां अनशन पर बैठी थीं. इस दौरान हफ्ते भर से अनशन पर बैठी भूखी प्यासी एक लड़की की तबीयत कल बिगड़ गई. जिसके बाद उन्हें तुरंत अस्पताल पहुंचाया गया. लेकिन एंबुलेंस में नहीं बल्कि मोटरसाइकिल पर. वो इसलिए क्योंकि ये लोग कोई भी सरकारी मदद नहीं लेना चाहतीं थीं.


छात्राओं को स्कूल जाते वक्त मनचले छेड़ते हैं


छात्राओं का आरोप है कि चार किलोमीटर दूर जिस स्कूल में पढ़ने जाना पड़ता है उसके रास्ते में मनचले छेड़ते हैं. इन छात्राओं का कहना था कि जब तक शिक्षा मंत्री आकर आश्वासन नहीं देते ये अन्न नहीं खाएंगी.




पीछे छात्राओं की संख्या को लेकर नियमों की दीवार


नियम के मुताबिक किसी स्कूल को दसवीं से बारहवीं तक का करना है तो छात्रों की संख्या आर्ट साइड में 100 और साइंस साइड में 150  होनी चाहिए. जबकि अभी जिस स्कूल को बारहवीं तक का छात्राएं कराना चाहती हैं, वहां कम बच्चे ही पढ़ पाएंगे. बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान की शुरुआत हरियाणा से ही हुई है, ऐसे में यहां पर छात्राओं की ये स्थिति देखकर दुख होना लाजमी है.