विश्वास प्रस्ताव को लेकर विधायकों पर संयुक्त किसान मोर्चा बनाएगा दबाव, कहा- खट्टर सरकार गिराओ वरना...
हरियाणा की खट्टर सरकार के खिलाफ कांग्रेस अविश्वास प्रस्ताव लाई है. 90 सदस्यीय हरियाणा विधानसभा में बीजेपी के 40 विधायक और जेजेपी 10 विधायक हैं. दोनों पार्टियों को मिलाकर ही बहुमत का आंकड़ा (46) पार हो जाता है.
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नई दिल्ली: अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग से पहले हरियाणा की बीजेपी-जेजेपी सरकार के लिए मुश्किलें बढ़ाते हुए संयुक्त किसान मोर्चा ने हरियाणा के लोगों से अपील की है कि वो अविश्वास प्रस्ताव के लिए होने वाली वोटिंग में अपनी सरकार के खिलाफ वोट करने के लिए बीजेपी-जेजेपी विधायकों के घर का घेराव कर दबाव बनाएं. किसान मोर्चा ने चेतावनी दी है कि जो विधायक किसानों की बात नहीं मानते उन्हें जनता सबक सिखाएगी.
संयुक्त किसान मोर्चा ने बयान जारी कर कहा, "हरियाणा विधानसभा में 10 मार्च को मनोहर लाल खट्टर की बीजेपी-जेजेपी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया जा रहा है. संयुक्त किसान मोर्चा हरियाणा के सभी लोगों से यह अपील करता है कि वो बड़ी संख्या में इकट्ठे होकर सभी विधायकों (खासकर बीजेपी और जेजेपी के विधायकों) के पास जाएं और उनसे अपील करें कि वो अविश्वास प्रस्ताव में किसान विरोधी बीजेपी-जेजेपी सरकार के खिलाफ वोट डालें"
इस अपील को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से कहा गया है, "हरियाणा के सभी विधायकों को यह संदेश देने की जरूरत है कि जो विधायक किसान आंदोलन के इस निर्णायक समय में किसानों के साथ खड़ा नहीं होगा, उस विधायक को जनता आने वाले समय में सबक सिखाएगी."
हरियाणा की खट्टर सरकार के खिलाफ कांग्रेस अविश्वास प्रस्ताव लाई है. 90 सदस्यीय हरियाणा विधानसभा में बीजेपी के 40 विधायक और जेजेपी 10 विधायक हैं. दोनों पार्टियों को मिलाकर ही बहुमत का आंकड़ा (46) पार हो जाता है. इसके अलावा पांच निर्दलीय विधायक भी सरकार को समर्थन दे रहे हैं. हालांकि किसान आंदोलन के दौरान जेजेपी के कुछ विधायकों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला था. हालांकि जानकारों का मानना है कि खट्टर सरकार आसानी से बहुमत साबित कर देगी. लेकिन संयुक्त किसान मोर्चा की अपील ने अविश्वास प्रस्ताव को रोचक बना दिया है.
इससे पहले संयुक्त किसान मोर्चा आगामी विधानसभा चुनावों में बीजेपी के खिलाफ प्रचार करने का एलान कर चुका है. इस अभियान के तहत 12 मार्च को कोलकाता में किसान मोर्चा के नेता सभा को संबोधित करेंगे. मोर्चा के कहना है कि बीजेपी को निशाने पर लेना केंद्र सरकार पर दबाव बनाने रणनीति है ताकि सरकार नए कृषि कानूनों को रद्द करे.
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