Haryana News: हरियाणा के सिरसा (Sirsa) जिले में पॉक्सो एक्ट (Pocso Act) के तहत फास्ट ट्रैक कोर्ट (Fast Track Court) ने एक पिता को 12 साल की बेटी के साथ दुष्कर्म (Rape) करने के मामले में फांसी की सजा सुनाई है. सिरसा जिले के इतिहास में ये पहला मामला है. कोर्ट ने दोषी पिता को सजा सुनाते हुए कहा कि जब बेटी बाप के साथ सुरक्षित नहीं तो उसकी सुरक्षा कोई नहीं कर सकता है. 


दरअसल, मामला साल 2020 का है. सिरसा के एक गांव में 12 साल की नाबालिक बच्ची ने पुलिस को बताया कि वो 7वीं में पढ़ती है और उसके पिता ने उसके साथ दुष्कर्म किया है. बच्ची ने शिकायत दर्ज कराते हुए कहा, 26-27 सितंबर को पिता ने नशे में मां से झगड़ा कर के उन्हें घर से बाहर निकाल दिया और रात में उसके साथ दुष्कर्म किया. शिकायत में आगे बताया गया कि अगले दिन जब बच्ची की मां घर आई तो बेटी ने पिता की इस करतूत के बारे में उन्हें बताया. वहीं, जांच की प्रक्रिया में बच्ची के साथ दुष्कर्म की पुष्टि हुई और कार्रवाई करते हुए पुलिस ने 30 सितंबर के दिन आरोपी पिता को गिरफ्तार कर लिया.


दोषी ने नरमी बरतने की जज से की अपील...


मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कोर्ट में सजा सुनाए जाने से पहले दोषी पिता ने जज प्रवीण कुमार के सामने तीन बच्चों की परवरिश का हवाला देते हुए कहा कि उसके साथ नरमी बरती जाए. दोषी पिता की इस विनती पर जज ने कहा कि इस शख्स ने विश्वास तोड़ा है. इसने बाप-बेटी के रिश्ते को शर्मसार किया है. ये अपराध जघन्य से भी जघन्य श्रेणी में आता है और ये फांसी का हकदार है. जज ने कहा कि इस अपराध के लिए दोषी पिता पर किसी भी तरह रहम नहीं बरती जा सकती है. जज ने दोषी पिता को फांसी की सजा सुनाते हुए 50 हजार का जुर्माना भी लगाया. इसके अलावा, पीड़ित बच्ची को 5 लाख का मुआवजा देने का भी निर्णय सुनाया. 


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