नई दिल्ली: हरियाणा के हिसार जिले में रोंगटे खड़े कर देने वाली वारदात को कुछ बदमाशों ने  अंजाम दिया. दरअसल 6 अक्टूबर को 35 वर्ष के व्यापारी राममेहर हिसार से अपने घर भाटला-डाटा मार्ग होकर जा रहे थे. राममेहर फैक्ट्री में अपना काम खत्म कर घर के लिए करीब 11 बजे निकले थे और 43 किलोमीटर की दूरी तय कर एक घंटे के बाद घर पहुंचने वाले थे लेकिन उन 40 मिनट में ऐसा क्या हुआ कि परिवार और पुलिस को उनकी जलती हुई गाड़ी और गाड़ी में भस्म हो चुका उनका शव ही मिला.


एबीपी न्यूज की टीम पड़ताल के लिए हिसार पहुंची. राममेहर का रोजाना का रास्ता हांसी से जग्गा बाड़ा से मेहजड़ से मसूदपुर से डाटा था लेकिन वारदात वाले दिन उनकी गाड़ी मुख्य सड़क की जगह लिंक रोड पर मेहजद और भाटला के बीच मिली.  राममेहर करीब आधा सफ़र पूरा कर चुके थे और घर से करीब 17 किलोमीटर दूर थे. आधे घंटे के भीतर घर पहुंचने वाले थे कि उन्हें एहसास हुआ कुछ लोग उनका पीछा कर रहे हैं. दो बाइक और एक गाड़ी लगातार उनके पीछे आ रही हैं, उन्होंने हड़बड़ाहट में अपने घरवालों को फोन कर इसकी जानकारी दी.


राममेहर और उनके भतीजे, भांजे के बीच हुई इस आखिरी बातचीत में राममेहर अपनी जान बचाने की गुहार लगा रहे हैं और ये जानकारी दे रहे हैं कि "गाड़ी मेरे पीछे लगी है, वो मार देंगे मुझे ,जल्दी आ जाओ". परिवार के साथ ही दूसरी बातचीत उनके चचेरे भाई के साथ है जिसमें वो कह रहे हैं कि " पैसे छीन रहे हैं मेरे, मुझे मारेंगे. जल्दी आ जाओ".


एबीपी न्यूज अपनी पड़ताल में उस जगह भी पहुंचा जहां इस वारदात को अंजाम दिया गया और हमने पाया कि ये लिंक रोड  सुनसान होने के साथ जगह जगह से टूटी हुई है जिसके दोनों तरफ  दूर तक खेत हैं. रात को ये सड़क शांत और खतरनाक हो जाती है जहां ना तो कहीं स्ट्रीट लाइट,रिफ्लेक्टर, स्पीड ब्रेकर बने हैं और ना ही सीसीटीवी कैमरा लगे हैं.


परिवार ने पुलिस को फोन करने में करीब आधे घंटे का समय लगा दिया लेकिन परिवार के अनुसार पुलिस को जानकारी देने के बाद केवल 5 मिनट में पुलिस मौका ए वारदात पर पहुंच गई. काश कि परिवार ने वक़्त रहते पुलिस को जानकारी दे दी होती तो राममेहर की जान बचाई जा सकती थी!  राममेहर  तीन बच्चों के पिता है.उनका जाना परिवार के लिए किसी सदमे से कम नहीं है.


राममेहर के भाई अमित और बाकी परिजन इस पूरी घटना के पीछे किसी की प्लानिंग समझते हैं लेकिन आपसी रंजिश का अंदेशा नहीं मानते. भांजे अमित के अनुसार, "मामा हिसार में स्थित अपनी फैक्ट्री से अकेले घर जा रहे थे  ( 43 किलोमीटर ) लेकिन उनका कंकाल ड्राइविंग सीट के साथ वाली सीट पर मिला.ऐसा लगता है कोई उनके साथ था जो उन्हें डरा कर मुख्य सड़क से लिंक रोड पर ले आया."


पुलिस इस मामले में तफ्तीश कर रही है. डीएसपी विनोद शंकर के अनुसार  करीब 12:05 पर पुलिस के पास कॉल आया और केवल 5 मिनट में पुलिस वहां पहुंच गई थी. जांच  के बाद साफ हो पाएगा कि राममेहर के साथ आखिर क्या हुआ था और क्या लूटपाट प्लानिंग के बाद सोच समझ कर की गई थी या राममेहर बदमाशों का शिकार किसी इत्तेफाक के तहत बन गए.


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