चंडीगढ़: हरियाणा की एक महिला आईएएस ने राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों पर यौन शोषण का सनसनीखेज आरोप लगाया है. महिला अफसर ने कहा कि हरियाणा के पशुपालन विभाग के अतिरिक्त सचिव सुनील के गुलाटी ने उनका यौन शोषण किया. उन्होंने कहा कि गुलाटी के अलावा अंबाला और चंडीगढ़ में तैनाती के दौरान जहां-जहां वो तैनात रहीं ,वहां वहां वरिष्ठ अधिकारियों ने उनका यौन उत्पीड़न किया.


महिला आईएएस ने कहा कि उन्हें ईमानदारी की सजा मिल रही है. सिर्फ अधिकारियों ने ही नहीं, बल्कि गाड़ी के ड्राइवरों ने भी उनके साथ गलत हरकतें की. उन्होंने कहा कि जब वे गाड़ी में जाती थी ,तो ड्राइवर हस्तमैथुन करते थे. आईएएस ने कहा कि वो ईमानदार है, इसलिए उनके साथ ऐसा किया गया. बात नहीं मानने पर उनका यौन उत्पीड़न किया गया. उन्हें गलत इशारे किए जाते थे और सार्वजनिक जगहों पर भी परेशान किया जाता था.


महिला अफसर के आरोप के बाद सुनील गुलाटी ने अपने ऊपर लगे आरोपों को निराधार बताया है. उन्होंने कहा, "वे अफसर को सिर्फ काम सिखाने की कोशिश कर रहे थे. गुलाटी ने कहा कि फाइलों का काम नहीं आने पर मैं सिर्फ उन्हें समझाता था. मैंने कभी उन्हें अकेले नहीं बुलाया,जब भी वो मेरे साथ होती थीं तो अन्य कोई अधिकारी भी वहां होता था. मैंने कभी भी ऐसा नहीं किया. मुझे यह समझ में नहीं आ था किस वजह से मेरे ऊपर आरोप ऐसे आरोप लगा रही हैं.''


गुलाटी ने उलटे महिला पर ही आरोप लगा दिया. उन्होंने कहा कि इनकी हिस्ट्री ठीक नहीं है और जब भी ये मेरे ऑफिस में आती थीं तो कोई न कोई वहां जरूर होता था. गुलाटी ने कहा कि जब वो मेरे पास आई तो चंडीगढ़ में सचिवालय में नियुक्त होकर आई थी. नया कोई अधिकारी आता है तो उससे शुरू में काम नहीं आता है, मैंने उन्हें काम सिखाने की कोशिश की.


गुलाटी धमका रहे हैं, मेरे जान को खतरा है- आईएएस


महिला अफसर का कहना है, "सुनील गुलाटी का व्यवहार मेरे प्रति अमर्यादापूर्ण और अनैतिक रहा है. उन्होंने मुझे डराया धमकाया और यौन उत्पीड़न किया. इस तरह की घटनाएं मेरे साथ पहले भी होती रही हैं. मैं अंबाला में पोस्टेड थी तब भी मेरे साथ यौन शोषण करने की कोशिश की गई और इस तरह की हरकतें की गईं जो यौन शोषण के अंतर्गत आती हैं. मैं अपने उच्च अधिकारियों को समय-समय पर ये सूचना देती रही हूं कि मेरे साथ क्या क्या दुर्वव्यहार हो रहा है."


महिला ने कहा कि कि सुनील गुलाटी मुझे रोज डरा धमका रहे हैं, जिससे मुझे मेरे जान का खतरा है. उन्होंने मुझे रोहतक में एक मीटिंग के बहाने बुलाया जिसमें वो शाम 2.30 बजे से 5 बजे तक अपने व्यक्तिगत विचार साझा करते रहे और रोहतक से शाम 5 बजे के बाद मुझे चंडीगढ़ तक अकेले जाने के आदेश दिए थे जबकि मेरे साथ कोई पुलिस सुरक्षा नहीं थी.


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