Covid-19 Report: कोरोना महामारी का असर कम हुए अभी कुछ साल ही बीते हैं. उस भयानक स्थिति को कोई नहीं भूल पाया है. केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने अकादमिक जर्नल साइंस एडवांस (AJSA) की उस रिपोर्ट को खारिज कर दिया जिसमें कहा गया था कि 2020 में आई कोविड 19 ने भारत में लोगों की उम्र करीबन ढाई साल तक कम कर दी है. 


अकादमिक जर्नल साइंस एडवांस की रिपोर्ट में कहा गया कि भारत में 2019 से 2020 के बीच में लोगों के जीवन जीने की दर में 2.6 साल की कमी आई है. रिपोर्ट में आगे बताया गया कि सामाजिक रूप से वंचित अनुसूचित जनजातियां और मुसलमानों की आयु पर इसका असर अधिक देखने को मिला है. इसमें पुरुष के मुकाबले महिलाओं की आयु में अधिक गिरावट देखी गई है. हालांकि केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने इस रिपोर्ट को नकार दिया है. 


मंत्रालय ने रिपोर्ट को किया खारिज


केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने कहा कि अकादमिक जर्नल साइंस एडवांस ने भारत में मृत्यु दर का अनुमान लगाने के लिए जनवरी से अप्रैल 2021 के बीच राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण के परिवारों का डेटा उपयोग किया है, जिसे पूरी तरह से उपयोग में नहीं लाया गया. ऐसे रिपोर्ट देश के सभी राज्यों के आंकड़ों पर आधारित नहीं है. बल्कि 14 राज्यों के 23 प्रतिशत परिवारों के डेटा पर ही ये रिपोर्ट तैयार की गई है. 


शोधकर्ताओं पर लगे ये आरोप


केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने शोधकर्ताओं पर ये भी आरोप लगाए कि ये डेटा उस समय से लिया गया है जब कोरोना कोविड-19 महामारी अपने चरम पर था. वहीं आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, कोविड के दौरान की मृत्यु दर पुरुषों और वृद्ध आयु के लोगों में अधिक थी, जबकि अकादमिक जर्नल साइंस एडवांस ने अपने रिपोर्ट में युवा और महिलाओं की मृत्यु दर अधिक बताई है. मंत्रालय ने आगे कहा कि ये असंगत और अस्पष्ट परिणाम वाले रिपोर्ट दावों पर विश्वास और भी कम करता है. 


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