Third Wave: क्या कोविड की तीसरी लहर आ चुकी है, जानिए क्या कहता है सरकार का आकलन
कोविड की तीसरी लहर पर सरकार ने कहा है कि अगले दो-तीन महीने बेहद चुनौतीपूर्ण हैं. हालांकि विश्व स्वास्थ्य संगठन का मानना है कि कोविड की तीसरी लहर इसी सप्ताह आ जाएगी.
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने आगाह किया है कि कोविड-19 की तीसरी लहर इसी सप्ताह दस्तक दे सकती है जबकि अगस्त से सितंबर के बीच यह भारी तबाही मचा सकती है. हालांकि भारत सरकार ने अपने आकलन के आधार पर बताया है कि अगला दो-तीन महीने देश के लिए बेहद कठिन रहेंगे. डब्ल्यूएचओ के मुताबिक विश्व में कोरोना महामारी की तीसरी लहर अभी एडवांस स्टेज में है. उसने बताया है कि तीसरी लहर का प्रमुख कारण SARS-CoV-2 का डेल्टा वेरिएंट है. डेल्टा वेरिएंट है, जिसका पहला मामला भारत में मिला था. डब्ल्यूएचओ की चेतावनी भारत के लिए भी एक खतरे का संकेत है क्योंकि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस सप्ताह कहा था कि भारत में कोविड-19 मामलों में गिरावट की रफ्तार धीमी हो गई है. भारत में, अब भी महाराष्ट्र, केरल और पूर्वोत्तर के कुछ जिलों सहित कुछ इलाकों में कोविड-19 की स्थिति चिंताजनक बनी हुई है.
भारत हर्ड इम्युनिटी से अभी भी कोसों दूर
डब्ल्यूएचओ की चिंता से क्या यह माना जाए कि भारत में कोरोना की तीसरी लहर शुरू हो गई है? नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) वीके पॉल ने इस संबंध में कहा है कि भारत में कोरोना की वर्तमान स्थिति निश्चित रूप से नियंत्रण में है, लेकिन अब भी यह पक्के तौर पर यह नहीं कहा जा सकता कि भारत टीकाकरण या संक्रमण से हर्ड इम्यूनिटी हासिल कर ली है. भारत इससे फिलहाल बहुत दूर है. इसलिए खतरा बना हुआ है. सरकार ने कहा है कि अगले कुछ महीने बेहद अहम होंगे.
भारत में तीसरी लहर आ चुकी है
हैदराबाद विश्वविद्यालय के प्रो-वाइस-चांसलर भौतिक विज्ञानी डॉ विपिन श्रीवास्तव ने हाल ही में कहा कि भारत में कोरोना की तीसरी लहर पहले ही 4 जुलाई को आ चुकी है. उन्होंने कहा कि 4 जुलाई को ठीक वैसे ही स्थिति दर्ज की गई जैसा कि फरवरी के पहले सप्ताह (दूसरी लहर की शुरुआत) में देखी गई थी. तीसरी लहर अगस्त के अंत तक देश में दस्तक दे सकती है, लेकिन यह दूसरी लहर की तुलना में कम घातक होगी. भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) में महामारी विज्ञान और संक्रामक रोगों के प्रमुख डॉ समिरन पांडा ने कहा है कि देश में तीसरी लहर आए, यह जरूरी नहीं है.
तीसरी लहर की समय और गंभीरता का अनुमान लगाना मुश्किल
यूबीएस सिक्योरिटीज इंडिया ने कहा है कि डेल्टा वेरिएंट की बढ़ती मौजूदगी और टीकाकरण की गति के कारण देश में कोरोना की तीसरी लहर का जोखिम वास्तविक नजर आता है. वहीं, एसबीआई रिसर्च ने इस महीने की शुरुआत में तैयार अपनी रिपोर्ट में कहा था कि भारत अगस्त के दूसरे पखवाड़े तक महामारी की तीसरी लहर देख सकता है. कर्नाटक में कोविड विशेषज्ञ समिति की अध्यक्ष डॉ देवी शेट्टी ने कहा कि तीसरी लहर के समय और गंभीरता का अनुमान लगाना मुश्किल है. उन्होंने एएनआई से कहा, 'लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क पहनने जैसे कोविड से संबंधित उचित व्यवहार का पालन करना होगा. यही चीजें हमारी रक्षा करेंगी. अगर लोग गैर-जिम्मेदार तरीके से व्यवहार करते हैं तो कोई भी सरकार, कोई एंटी-बायोटिक और कोई टीका उनकी रक्षा नहीं कर सकता है. इसलिए लोगों को जिम्मेदारी लेनी होगा.
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