Azam Khan Hate Speech Case: हेट स्पीट मामले में समाजवादी पार्टी (SP) के नेता और रामपुर से विधायक आजम खान (Azam Khan) की मुश्किलें कम नहीं हो रही हैं. उत्तर प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना (Satish Mahana) ने शुक्रवार (28 अक्टूबर) को आजम खान के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उनकी विधानसभा की सदस्यता को रद्द कर दिया है. विधानसभा अध्यक्ष ने आजम की सदस्यता को रद्द करने के बाद रामपुर विधानसभा का पद खाली होने की सूचना भी चुनाव आयोग (Election Commission) को भेज दी है. 


इससे पहले एमपीएमएलए कोर्ट (MPMLA Court) ने गुरुवार (27 अक्टूबर) को हेट स्पीच मामले (Hate Speech Case) में दोषी करार देते हुए उन्हें तीन साल की सजा सुनाई थी. इसके अलावा उन पर छह हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया था. उसी समय से आजम की विधायकी पर खतरे के बादल मंडराने लगे थे. 


क्या बोले केशव प्रसाद मौर्य?


आजम खान के खिलाफ स्पीकर की इस कार्रवाई पर उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए फैसला का स्वागत किया है. उन्होंने कहा कि आज़म खान की विधानसभा सदस्यता रद्द होने पर रिक्त विधानसभा के उपचुनाव जब भी होंगे, बीजेपी का कमल खिलेगा. उन्होंने ट्वीट कर कहा, "समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आज़म खान की विधानसभा सदस्यता ख़त्म. हेट स्पीच मामले में सज़ा होने के बाद विधानसभा की सदस्यता ख़त्म हुई. चुनाव आयोग की संस्तुति पर यूपी विधानसभा अध्यक्ष ने रामपुर विधानसभा सीट रिक्त घोषित की. रामपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव होगा.


पीएम मोदी के खिलाफ भड़काऊ भाषण


दरअसल, आजम खान पर यह पूरी कार्रवाई उनके खिलाफ दर्ज तीन धाराओं के तहत की गई है. आजम को तीनों ही मामलों में दोषी पाया गया था. आजम खान ने 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ समेत तत्कालीन जिलाधिकारी के खिलाफ आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल किया था. इसे लेकर आजम के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था. 


क्या कहता है कानून?


दरअसल, जनप्रतिनिधियों के लिए बने कानून के मुताबिक यदि किसी विधायक को दो साल से ज्यादा की सजा सुनाई जाती है तो फिर उसकी सदस्यता चली जाती है. आजम खां को हेट स्पीच मामले में एमपीएमएलए विशेष कोर्ट ने दोषी करार देते हुए उन्हें 3 साल की सजा सुनाई थी. इससे पहले अयोध्या की गोसाईगंज विधानसभा से बीजेपी विधायक खब्बू तिवारी को भी अपनी विधायकी गंवानी पड़ी थी, क्योंकि एक मामले मे कोर्ट ने उन्हें दो साल से ज्यादा की सजा सुनाई थी. आजम खान साल 2019 के लोकसभा चुनाव में रामपुर से सांसद चुने गए थे. उसके बाद उन्होंने इसी साल रामपुर से ही विधायक का चुनाव लड़ा और जीत हासिल की. इसके बाद उन्होंने अपने सांसद पद से इस्तीफा दे दिया.


आजम खान के पास विकल्प?


आजम खान के पास रामपुर कोर्ट के फैसले के खिलाफ निचली अदालत में जाने का विकल्प खुला हुआ है. वह निचली अदालात में इस फैसले को चुनौती दे सकते हैं, अगर वहां से भी उन्हें राहत नहीं मिलती तो वह हाई कोर्ट का रुख भी कर सकते हैं. आजम खान भी यह बात दोहरा चुके हैं कि उनके पास कई विकल्प मौजूद हैं.


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