नई दिल्ली: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और सांसद राहुल गांधी और प्रियंका गांधी शनिवार शाम हाथरस पहुंचे और दरिंदों की हैवानियत का शिकार हुई 19 साल की लड़की के परिवारवालों से मुलाकात की. राहुल और प्रियंका ने पीड़िता के भाई, पिता और मां से बंद कमरे में करीब एक घंटे तक बातचीत की. इस दौरान कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी भी वहां उनके साथ मौजूद रहे.


पीड़ित परिवार के साथ मुलाकात के दौरान प्रियंका गांधी ने पीड़िता की मां को गले लगाया और उनका दुख बांटने की कोशिश की. पीड़ित परिवार के घर के बाहर सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम किए गए. मुलाकात के दौरान राहुल ने पीड़ित परिवार से सवाल किया कि आपको क्या लगता है आपको न्याय मिलेगा? इस पर परिवार ने कहा कि आप हमें इंसाफ दिलाइए.


मुलाकात के बाद राहुल गांधी ने कहा, "हम इस दुख में पीड़ित परिवार के साथ हैं. सरकार इन्हें डरा रही है, धमका रही है. इन्हें सुरक्षा देना सरकार की जिम्मेदारी है. सुरक्षा देने में यूपी सरकार फेल रही है. इन्हें धमका कर कागजों पर दस्तखत करवाए गए हैं.''


पीड़ित परिवार से मुलाकात के बाद प्रियंका गांधी ने कहा, "पीड़ित परिवार न्यायिक जांच चाहता है. परिवार वाले बेटी का चेहरा भी नहीं देख पाए. पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने तक संघर्ष जारी रहेगा.''


दो दिन पहले भी राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने पीड़ित परिवार से मुलाकात के लिए हाथरस जाने की कोशिश की थी. लेकिन यूपी सरकार की ओर से उन्हें जाने की इजाज़त नहीं दी गई थी. आज राहुल और प्रियंका जब हाथरस के लिए निकले तो उन्हें एक बार फिर डीएनडी पर रोक लिया गया, लेकिन उन्होंने वापस लौटने से इंकार कर दिया, जिसके बाद यूपी सरकार की ओर से पांच लोगों को हाथरस जाने की इजाज़त दी गई.


आज ही डीजीपी और गृह सचिव ने भी परिवार से की मुलाकात


आज यूपी के डीजीपी एच सी अवस्थी और अपर प्रमुख सचिव गृह अवनीश अवस्थी ने परिवार से मुलाकात की. मुलाकात के बाद प्रेस कॉनफ्रेंस में अवनीश अवस्थी ने कहा, ''मुख्यमंत्री ने कहा था कि हम परिवार से मुलाकात करें, बेहद दुखद घटना है. परिवार के प्रत्येक सदस्य उनके पिता, भाई, छोटा भाई, भाभी, बहन सभी से मुलाकात की और बात की. हमने आश्वस्त किया है कि जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई करेंगे. मुख्यमंत्री ने एसआईटी का गठन किया है, एसआईटी ने अपना काम शुरू कर दिया है."


परिवार ने कहा- जल्दबाज़ी में क्यों किया अंतिम संस्कार


DGP एच सी अवस्थी और अपर प्रमुख सचिव से पीड़ित परिवार ने सवाल किया है कि हमारी बेटी का जल्दबाजी में अंतिम संस्कार क्यों किया गया. साथ ही डीएम के रवैये की शिकायत भी की. पीड़िता की भाभी ने अधिकारियों से मुलाकात के बाद कहा कि जब तक हमारे सवालों के जवाब नहीं मिलेंगे तब तक कोई मांग मंजूर नहीं है.


पीड़िता के भाई ने कहा कि हमने अधिकारियों के कहा है कि शव की एक तस्वीर ही दिखा देते, जिससे हम घर पर श्रद्धांजलि दे देते. उन्होंने कहा कि वक्त को तो अब पीछे नहीं ले जा सकते, एसआईटी की टीम आएगी और आपसे बात करेंगे.