Hathras Gang Rape Case: कांग्रेस ने गुरुवार (12 दिसंबर) को हाथरस दुष्कर्म पीड़िता के पिता की ओर से कथित तौर पर लिखी गई एक चिट्ठी शेयर की, जिसके बाद राहुल गांधी ने पीड़ित परिवार से मुलाकात भी की. कांग्रेस पार्टी ने इस चिट्ठी को शेयर करते हुए कहा, "हाथरस के पीड़ित परिवार ने विपक्ष के नेता राहुल गांधी को न्याय की मांग करते हुए एक चिट्ठी लिखा थी. इस चिट्ठी के बाद, राहुल गांधी आज पीड़ित परिवार से मिलने आए."


लोकसभा में विपक्ष के नेता को सीधे संबोधित करते हुए लिखे गए इस पत्र में कहा गया है कि परिवार को अभी भी यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ओर से किए गए वादों को हकीकत में बदलते हुए और 14 सितंबर, 2020 को हुई घटना में न्याय मिलते हुए देखना बाकी है. राज्य के अधिकारियों और अदालत की ओर से मामले को संभालने पर निराशा व्यक्त करते हुए ओमप्रकाश ने कहा कि यूपी प्रशासन ने परिवार की अनुमति के बिना पीड़िता के शव का अंतिम संस्कार कर दिया.


क्या लिखा इस चिट्ठी में?


इसमें कहा गया है, "मेरी बेटी के साथ सामूहिक बलात्कार किया गया और उसकी रीढ़ की हड्डी तोड़ दी गई साथ ही उसके शरीर को भी क्षत-विक्षत कर दिया गया. इसके बाद प्रशासन ने रात के अंधेरे में मेरे परिवार की अनुमति के बिना मेरी बेटी की हत्या कर दी. रात 2.30 बजे केरोसिन डालकर उसे जला दिया गया. आज तक मुझे और मेरे परिवार को यह भी नहीं पता कि किसका शव जलाया गया."






चिट्ठी में आगे कहा गया है, "माननीय राहुल गांधी जी, मैं आपको सूचित करना चाहता हूं कि माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ जी ने मेरे परिवार को लिखित आश्वासन दिया था कि मेरे परिवार के एक सदस्य को नौकरी और एक मकान दिया जाएगा, लेकिन अभी तक न तो नौकरी दी गई और न ही मकान."


‘आरोपी खुले घूम रहे और हम कैद हैं’


पत्र में कहा गया है कि पीड़ित परिवार सीआरपीएफ की ओर से प्रदान की गई सुरक्षा के तहत "कैद महसूस करता है" और कोई रोजगार नहीं है और कोई भी रोजगार के लिए बाहर जाने में सक्षम नहीं है. पिता ने कहा कि आरोपी, जिन्हें जमानत दी गई थी, खुलेआम घूम रहे थे और "हम घर पर रह रहे हैं और चार साल की जेल की सजा काट रहे हैं." राहुल गांधी गांव में इकट्ठे हुए पत्रकारों से बातचीत किए बिना ही चले गए. इससे पहले उन्होंने घर पर परिवार के साथ लगभग 35 मिनट तक बातचीत की.               


परिवार से मिलकर क्या बोले राहुल गांधी?


उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "आज हाथरस जाकर 4 साल पहले हुई शर्मनाक और दुर्भाग्यपूर्ण घटना के पीड़ित परिवार से मिला. मुलाक़ात के दौरान उन्होंने जो बातें बताई उसने मुझे झकझोर कर रख दिया. पूरा परिवार आज भी डर के साए में जी रहा है. उनके साथ क्रिमिनल्स के जैसा व्यवहार किया जा रहा है. वे स्वतंत्र रूप से कहीं आ-जा नहीं सकते हैं - उन्हें हर समय बंदूक और कैमरों की निगरानी में रखा जाता है. भाजपा सरकार ने उनसे जो वादे किए थे, वे आज तक पूरे नहीं हुए हैं. न तो सरकारी नौकरी दी गई है और न ही उन्हें किसी दूसरी जगह घर देकर शिफ्ट करने का वादा पूरा किया गया है."


उन्होंने आगे कहा, "पीड़ित परिवार को न्याय देने के बजाय, सरकार उन पर तरह-तरह से अत्याचार कर रही है. दूसरी तरफ़ आरोपी खुलेआम घूम रहे हैं. इस परिवार की हताशा और निराशा भाजपा की ओर से दलितों के ऊपर किए जा रहे अत्याचार की सच्चाई को दिखाते हैं लेकिन हम इस परिवार को यूं ही इनके हाल पर रहने को मजबूर नहीं होने देंगे. इन्हें न्याय दिलाने के लिए हम पूरी ताक़त के साथ लड़ेंगे."


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