अपने बयानों के चलते अक्सर सुर्खियों में रहने वाले सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस मार्कंडेय काटजू ने हाथरस गैंगरेप घटना के लिए बेरोजगारी को जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने जघन्य अपराध की निंदा करते हुए कहा कि इसकी वजह बेरोजगारी बताया है. हाथरस गैंगरेप पर काटजू ने फेसबुक पर एक लंबा पोस्ट लिखा है.


पोस्ट में काटजू ने कहा कि बलात्कार के मामलों में वृद्धि के पीछे देश में बढ़ती बेरोजगारी एक कारण है. उन्होंने लिखा, "हाथरस गैंगरेप की कड़ी निंदा करता हूं और दोषियों को सख्त से सख्त सजा की मांग करता हूं. इससे जुड़ा एक और नजरिया है, जिसपर विचार करने की जरूरत है."


काटजू ने लिखा, पुरुषों में सेक्स की प्राकृतिक रूप से तीव्र इच्छा होती है. कभी-कभी कहा जाता है कि खाना खाने के बाद सेक्स दूसरी आवश्यकता है. भारत जैसे परंपरावादी समाज में सामान्यतौर पर शादी के बाद ही कोई सेक्स कर सकता है. लेकिन, यहां बहुत ज्यादा बेरोजगारी है और यह बढ़ती ही जा रही है. इसके चलते बड़ी तादाद में युवा शादी नहीं कर सकते (बेरोजगारों से लड़कियां शादी करने के लिए तैयार नहीं होतीं). इस वजह से सेक्स की सामान्य जरूरत वाली उम्र में पहुंचकर भी बड़े पैमाने पर युवा पुरुष सेक्स से वंचित रह जाते हैं."



काटजू ने आगे लिखा, "विभाजन के वक्त 1947 में अविभाजित भारत की आबादी करीब 42 करोड़ थी और आज अकेले भारत की जनसंख्या लगभग 135 करोड़ हो चुकी है. बढ़ती जनसंख्या की तुलना में रोजगार नहीं बढ़े हैं. ऐसा कहा जा रहा है कि जून 2020 में 12 करोड़ भारतीय बेरोजगार हो गए हैं. तो क्या रेप की घटनाएं बढ़ेंगी नहीं."


काटजू ने आगे कहा कि वह बलात्कार को जायज नहीं ठहरा रहे हैं, बल्कि इसकी निंदा करते हैं. लेकिन देश में जो हालात मौजूद हैं इसका बढ़ना तय है. अगर वाकई इस तरह की घटनाएं कम करना चाहते हैं तो देश में ऐसी सामाजिक और आर्थिक व्यवस्था तैयार होनी चाहिए जहां बेरोजगारी नहीं हो या बहुत ही कम हो.


बता दें कि 14 सितंबर को हाथरस के थाना चंदपा क्षेत्र में 19 साल की लड़की के साथ चार लोगों ने गैंगरेप किया और क्रूरता की सारी हदें पार कर दीं. पुलिस ने इस मामले में चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है.