नई दिल्लीः उत्तर प्रदेश के हाथरस में पीड़िता के परिवार से राजनीतिक पार्टियों का मिलने का क्रम जारी है. आज सपा प्रमुख अखिलेश यादव के निर्देश पर समाजवादी पार्टी का प्रतिनिधिमंडल ने पीड़ित परिवार से मुलाकात की है. इसी के साथ ही RLD पार्टी के कार्यकर्ता और सपा कार्यकर्ताओं में गांव में हंगामा किया है. खबर मिल रही है कि हाथरस में RLD कार्यकर्ताओं ने सुरक्षा घेरा तोड़ कर पुलिस पर पथराव किया है. जिसके बाद गांववालों और कार्यकर्ताओं के बीच भारी पथराव शुरू हो गया है.


ABP न्यूज से बोले जयंत चौधरी 


राष्ट्रीय लोकदल के नेता जयंत चौधरी ने स्थिति बिगड़ने से कुछ देर पहले जब एबीपी न्यूज से बात की थी तो उन्होंने कहा कि वो और उनकी पार्टी कार्यकर्ता केवल पीड़ित परिवार का दुख बांटने और उन्हें ढांढस बंधाने आए थे. उन्होंने किसी तरह के कानून का उल्लंघन नहीं किया है और वो सीमित संख्या में ही कार्यकर्ताओं के साथ आए. उनका कहना है कि राज्य में इस तरह की घटना होने पर उनका यहां आना और पीड़ितों के साथ दुख साझा करना उनकी नैतिक जिम्मेदारी है.

समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं का पक्ष

वहीं समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने लाठीचार्ज और पथराव के बाद कहा कि वो तो देश को बचाने और लोकतंत्र को बचाने आए थे. हमारी बहनों-बेटियों के साथ नाइंसाफी हुई तो उनका दुख कम करने की कोशिश करने में क्या गलत है पर पुलिस ने हम पर लाठियां बरसा दीं. महिलाओं को भी नहीं छोड़ा और उन पर भी लाठी से मारा.

आपस में भिड़े RLD और सपा कार्यकर्ता 

हाथरस में पीड़िता के परिवार से मिलने पहुंचे RLD और सपा कार्यकर्ता आपस में ही भिड़ गए. जिस दौरान कार्यकर्ताओं ने आपस में पथराव करते हुए पुलिस का सुरक्षा घेरा तोड़ दिया. इसके बाद मजबूरन पुलिस को कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज करनी पड़ी. इसी दौरान RLD कार्यकर्ता गांव वालों से भी भिड़ते दिखे. जिसके कारण गांववालों और कार्यकर्ताओं के बीच भारी पथराव शुरू हो गया है. बता दें कि मजिस्ट्रेट ने पहले ही समाजवादी पार्टी के 5 लोगों को ही मिलने की इजाजत दी थी. वहीं धारा 144 के बीच भीड़ के साथ पहुंचे समाजवादी पार्टी के नेताओं को रोका गया था.

इस मामले में पीड़िता के पिता ने सीबीआई जांच की मांग की थी, जिसे यूपी के सीएम ने मान लिया है. योगी आदित्यनाथ सरकार ने हाथरस मामले में सीबीआई जांच की सिफारिश की है. इससे पहले यूपी के डीजीपी और गृह सचिव अवनीश अवस्थी ने पीड़ित परिवार के साथ मुलाकात की थी और उनसे उनकी शिकायतें और मांगें सुनीं. परिवार से मुलाकात के बाद अधिकारियों ने सीएम योगी आदित्यनाथ के सामने पीड़ित परिवार की सारी मांगों को रखा, जिसके बाद ही यूपी के सीएम ने देर रात सीबीआई जांच के आदेश दे दिए.

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