Hathras Stampede: सच में मरे हुए को जिंदा कर देता है भोले बाबा? 'एक आकाशवाणी से वापस आए प्राण', महिला ने सुनाई नारायण साकार हरि की चमत्कारी कहानी
Hathras Stampede News: महिला भक्त ने कहा कि उसका बेटा चल फिर नहीं पाता था, लेकिन भोले बाबा की शक्तियों से वह चलने-फिरने लगा. महिला ने कहा कि वह बाबा से जुड़ी तो उसके बेटे की हालत में सुधार होने लगा.
उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में हुई दर्दनाक घटना के बाद से भोले बाबा नारायण साकार हरि उर्फ सूरजपाल जाटव चर्चा में है. भक्त बाबा की चमत्कारी कहानियों और दिव्य शक्तियों का बखान कर रहे हैं. ऐसी ही एक भक्त ने भोले बाबा की ऐसी चमत्कारी कहानी सुनाई है, जिसे सुनकर हर कोई हैरान रह जाएगा. महिला का कहना है कि उसकी मृत्यु हो गई थी, लेकिन बाबा की आकाशवाणी से उसके प्राण वापस लौट आए. महिला का यह भी कहना है कि बाबा की शक्तियों से उसका बेटा भी चलने-फिरने लगा.
मैनपुरी की रहने वाली महिला भक्त ने बताया कि उसका बेटा चल फिर नहीं पाता था और तभी वह नारायण साकार हरि से जुड़ी. उसने कहा कि बाबा के आश्रम आने-जाने लगी तो तो बेटा ठीक होने लगा और चलने-फिरने लगा. महिला भक्त ने आगे बताया, 'बेटे के तन पर कुछ था तो उसको हम परमात्मा से मांग लिए तो फिर हमारी मृत्यु हो गई फिर परमात्मा ने हमें जिंदा कर दिया. इसके बाद हमें वर्दी मिल गई. इसी तरह सेवा करते-करते फिर हम आगे बढ़ते गए.'
'बाबा की आकाशवाणी से वापस आए प्राण', महिला का दावा
महिला ने कहा कि आकाशवाणी के द्वारा बाबा ने उसे जिंदा किया. भक्त ने बताया, 'हमें पता चल गया कि हमारा दम निकल रहा है और हमारी मृत्यु होने वाली है. ऐसा होने लगा तो हम घबराने लगे. हम जमीन पर लेट गए तो हमारे पति बोले चलो बिस्तर लगा दिया और फिर उस पर लेटा दिया. फिर हमें पता ही नहीं चला कि कब हम मर गईं. मरने के बाद 2 बजे के बाद एक आकाशवाणी हुई. हमारे कानों में आई कि अगर हमारे सच्चे सेवादार को कुछ हो जाएगा तो हम अपने आपको खत्म कर लेंगे.'
बाबा ने दिया जीवनदान, बोली महिला
महिला ने कहा, 'परमात्मा हमें जीवनदान दिए. हम उठे तो देखा हमारे पति ने एक हाथ हमारे हाथ पर और दूसरा पैर पर रखा था. हमारे पति हमसे बोल कि उनसे किसी ने कहा कि पकड़ कर रखो इसलिए पकड़कर रखा. परमात्मा ने ही जीवन दिया और शरीर बनाया है.'
हर कोई अपनी मृत्यु का खुद जिम्मेदार, भक्त ने कहा
हाथरस में सत्संग के दौरान भगदड़ में हुई 121 लोगों की मौत पर महिला ने कहा, 'वो सब अपने जिम्मेदार हैं. हमारी भी मृत्यु होगी तो उसके लिए हम ही जिम्मेदार होंगे. कोई और नहीं होगा. साल 2000 में आगरा के शाहगंज पुलिस थाने में सूरजपाल, उसकी पत्नी प्रेमवती समेत 7 सात लोगों के खिलाफ मर चुकी लड़की को जिंदा करने के दावे के लिए आईपीसी की धारा 109 के तहत केस भी दर्ज हो चुका है.
ऐसा दावा भक्तों का है और एबीपी इसका समर्थन नहीं करता है और ऐसे अंधविश्वास में न पड़ें.