Hathras Satsang Stampede: 'ढोंगी है, शराब का आदी और आश्रम में लड़कियों से करवाता है गलत काम', चश्मदीद ने खोला भोले बाबा का काला चिट्ठा
चश्मदीद रंजीत सिंह ने बताया कि पुलिस की नौकरी छोड़ने के बाबा ने सत्संग का ढोंग रचकर एजेंट तैयार किए, जो लोगों को उसकी चमत्कारी शक्तियों को लेकर भ्रमित करते थे.
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हाथरस में हुए दर्दनाक हादसे के बाद से भोले बाबा उर्फ सूरजपाल जाटव फरार है. मामले में पुलिस बाबा के सेवादार और आयोजकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर चुकी है. बाबा के भक्त हादसे के लिए भीड़ को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं. इस बीच बाबा के आश्रम में रहने वाले रंजीत सिंह नाम के चश्मदीद ने ऐसे खुलासे किए हैं, जिन्हें सुनकर हर कोई हैरान रह जाएगा. उन्होंने बताया कि बाबा के पास कोई शक्ति नहीं है, ऐसा होने का वह ढोंग करता है.
एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार रंजीत का कहना है कि बाबा शराब से लेकर शबाब तक का आदी है और उसके आश्रम में 16-17 साल की लड़कियां भी हैं, जिन्हें वह अपनी शिष्या बताता है. रंजीत का आरोप है कि बाबा इन लड़कियों से गलत काम करवाता है. रंजीत ने यह भी बताया कि कैसे बाबा ने सत्संग और चमत्कारी शक्तियों का ढोंग रचना शुरू किया और लोग उसके अंधविश्वास में फंसते चले गए.
पुलिस की नौकरी छोड़कर कैसे बन गया बाबा?
रंजीत सिंह ने बताया कि वह बाबा के गांव से ही हैं और उनके पिता भी बाबा के आश्रम में 15 साल रहे हैं. उन्होंने बताया कि सूरजपाल जाटव ने पुलिस की नौकरी छोड़ने के बाद सत्संग का ढोंग रचाकर एजेंट तैयार किए, जो लोगों को उसकी शक्तियों का बखान करके लोगों को फंसाते थे. रंजीत ने बताया कि एजेंटों को बाबा पैसे देता था और वह कभी ऊंगली से चक्र घुमाने तो कभी हाथ में त्रिशूल दिखने की बात करके जनता को भ्रमित करवाता था. धीरे-धीरे दूसरे राज्यों में भी उसने अपने एजेंटों को भेजना शुरू किया और फिर सत्संग करने लगा.
रंजीत सिंह ने आगे कहा कि यह बाबा नहीं पाखंडी है. उन्होंने कहा कि बहादुरनगर में कई लोगों की मौत हुई थी और उनके शव का कोई पता नहीं लगा है. उन्होंने कहा कि जब बाबा को लगा वह फंस सकता है तो उसने अपना आश्रम भी शिफ्ट कर लिया. उन्होंने कहा कि बाबा ने गांव में अवैध कब्जा किया हुआ है. उसकी पत्नी और कई बड़े लोग भी उसके इस षड्यंत्र में शामिल हैं.
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