Hathras Stampede: उत्तर प्रदेश में हाथरस जिले के एक गांव में मंगलवार को धार्मिक समागम में मची भगदड़ में 116 लोगों की मौत हो गई और करीब 18 लोग घायल हो गए. ऐसा पहली बार नहीं है जब भारत में इस तरह के धार्मिक समागमों में भगदड़ मची हो. पिछले कई सालों से मंदिरों और अन्य धार्मिक समागमों में में बड़ी संख्या में लोगों की मौत हुई है. वहीं, धार्मिक समारोहों में भगदड़ के कारण हुई सबसे बड़ी दुर्घटनाओं में 2005 में महाराष्ट्र के मंधारदेवी मंदिर में 340 से ज्यादा श्रद्धालुओं की मौत हो गई थी.
जबकि, साल 2008 में राजस्थान के चामुंडा देवी मंदिर में कम से कम 250 लोगों की मौत शामिल है. इसके अलावा हिमाचल प्रदेश के नैना देवी मंदिर में एक धार्मिक समारोह में भगदड़ के कारण 2008 में 162 लोगों की जान चली गई थी. बतातें चलें कि हाल के सालों में देश में हुई कुछ ऐसी बड़ी त्रासदियों शामिल हैं.
इंदौर में बाव़ड़ी ढहने से 36 लोग मौत के मुंह में समाए
बता दें कि, 31 मार्च, 2023 को मध्य प्रदेश के इंदौर शहर के एक मंदिर में रामनवमी के मौके पर आयोजित 'हवन' कार्यक्रम के दौरान एक प्राचीन 'बावड़ी' या कुएं के ऊपर बनी स्लैब के ढह जाने से कम से कम 36 लोगों की मौत हो गई थी. जबकि, 1 जनवरी, 2022 को जम्मू-कश्मीर में प्रसिद्ध माता वैष्णो देवी मंदिर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के कारण मची भगदड़ में कम से कम 12 लोगों की मौत हो गई थी, जिसमें करीब एक दर्जन से ज्यादा लोग घायल हो गए थे.
गोदावरी नदी के तट पर भगदड़ मचने से 27 तीर्थयात्रियों की हुई थी मौत
वहीं, 14 जुलाई, 2015 को गोदावरी नदी के तट पर एक प्रमुख स्नान स्थल पर भगदड़ में 27 तीर्थयात्रियों की मौत हो गई और 20 अन्य घायल हो गए थे. जहां आंध्र प्रदेश के राजमुंदरी में 'पुष्करम' त्योहार के उद्घाटन के दिन भक्तों की भारी भीड़ इकट्ठा हुई थी. गौरतलब है कि 3 अक्टूबर, 2014 को दशहरा समारोह समाप्त होने के तुरंत बाद पटना के गांधी मैदान में भगदड़ में 32 लोग मारे गए और 26 अन्य लोग घायल हो गए थे.
नवरात्रि उत्सव के दौरान भगदड़ में 115 लोगों की हुई थी मौत
इसके अलावा 13 अक्टूबर, 2013 को मध्य प्रदेश के दतिया जिले में रतनगढ़ मंदिर के पास नवरात्रि उत्सव के दौरान भगदड़ में 115 लोग मारे गए थे. जबकि, इस घटना में 100 से ज्यादा लोग घायल हो गए थी. दरअसल, भगदड़ की शुरुआत इस अफवाह से हुई कि जिस नदी के पुल को श्रद्धालु पार कर रहे थे, वह टूटने वाला है.
हर-की-पौड़ी घाट पर मची भगदड़ में 20 लोगों की हुई थी मौत
बताते चलें कि, 19 नवम्बर, 2012 को पटना में गंगा नदी के तट पर अदालत घाट पर छठ पूजा के दौरान एक अस्थायी पुल के ढह जाने से मची भगदड़ में करीब 20 लोग मारे गए और कई अन्य घायल हो गए. इसके साथ ही 8 नवम्बर, 2011 को हरिद्वार में गंगा नदी के तट पर हर-की-पौड़ी घाट पर मची भगदड़ में कम से कम 20 लोग मारे गए. इसके अलावा 14 जनवरी, 2011: केरल के इडुक्की जिले के पुलमेडु में एक जीप के घर जा रहे तीर्थयात्रियों से टकरा जाने के कारण मची भगदड़ में कम से कम 104 सबरीमाला श्रद्धालु मारे गए और 40 से ज्यादा लोग घायल हो गए.
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