Hathras Stampede: उत्तर प्रदेश के हाथरस में हुए दर्दनाक हादसे में 116 लोगों की जान गई है. हाथरस में सत्संग के दौरान मची भगदड़ ने कई सवालों को जन्म दिया है, जिनके जवाब अभी ढूंढे जा रहे हैं. दावा किया जा रहा है कि सत्संग में लाखों लोगों की भीड़ जुटी हुई थी. समागम वाले स्थान से बाहर निकलने के दौरान चीख पुकार मची. हादसे के बाद बड़े-बड़े अधिकारी हाथरस में कैंप कर रहे हैं. सवाल यही है कि हाथरस हादसे का असली गुनाहगार कौन है. 


सत्संग में शामिल होने के लिए कोई अपने बच्चे को लाया था तो कोई अपने बुजुर्ग माता-पिता को, लेकिन जब तक कोई कुछ समझ पाता. जब तक सत्संग से बाहर निकल पाते, तब तक जिंदगी की डोर टूटने लगे. दम घुटने लगा और चीख पुकार मच गई. हाथरस के फुलरई गांव में बाबा का सत्संग लगा था. पहले भी यहां सत्संग का आयोजन हो चुका है, लेकिन इस बार बताया जा रहा है कि एक लाख से ज्यादा की भीड़ इकट्ठा हो गई. हाथरस हादसे को लेकर कई तरह के सवाल उठ रहे हैं. 


हाथरस हादसे पर उठते ये सवाल और उनके जवाब


क्या किसी ने सत्संग को लेकर अफवाह फैलाई? क्या किसी ने बाहर जाने के रास्ते को लेकर कोई गड़बड़ की? क्या सत्संग में आए लोगों की निकासी के लिए पर्याप्त इंतजाम नहीं थे? क्या इतनी बड़ी गैदरिंग के लिए प्रशासन से परमीशन ली गई थी? सत्संग वाले स्थान पर एंट्री और एग्जिट वाले कितने गेट थे?


शुरुआती जानकारी के मुताबिक हादसे के पीछे अफवाह वाला क्या एंगल है? कोई है भी या नहीं, इसे लेकर फिलहाल कोई स्पष्टीकरण नहीं है. कोई बताने को तैयार भी नहीं. हां इतना जरूर है कि कुछ लोगों ने सिक्योरिटी वालों पर बदइंतजामी का इल्जाम लगाया. कहा जा रहा है कि सिक्योरिटी के लोगों ने श्रद्धालुओ को रोके रखा, जिसकी वजह से भगदड़ जैसे हालात बनते चले गए. इसी के बाद कहा जा रहा है कि एग्जिट वाली जगह पर कुछ लोगों को सांस लेने में तकलीफ होने लगी. उनका दम घुटने लगे. 


ऐसे में अंदाजा लगा सकते हैं कि इन लोगों ने बाहर निकलने के लिए किस तरह की मशख्कत की होगी. आवाज लगाई होगी. महिलाएं चीखी चिल्लाई होंगी. बच्चे बिलख रहे होंगे. ऐसे वक्त में सारा कंट्रोल, सारी व्यवस्था चरमराने लगी. आरोप है कि सिक्योरिटी वालों ने भी सभी लोगों को अपने हाल पर छोड़ दिया. 


जहां तक बात मिसमैनेजमेंट की है तो इसे लेकर भी कई तरह के वर्जन सामने आ रहे हैं. कोई कहता है कि कार्यक्रम के आयोजक ने अनुमति तो ली थी लेकिन जितनी संख्या आयोजकों ने प्रशासन को बताई थी, उससे ज्यादा लोग पहुंचे थे. इसलिए सिस्टम संभालना और मैनेज करना मुश्किल हो गया.  


शुरुआती जानकारी के मुताबिक जिस हॉल में लोग इकट्ठा हुए थे. भजन कीर्तन और सत्संगन सुनकर लौट रहे थे. उस हॉल का गेट छोटा और रास्ता संकरा था. माना जा रहा है कि इस गेट से निकलने के दौरान ही भगदड़ मची, जिसने 100 से ज्यादा लोगों को मौत की आगोश में ले लिया.  


मुख्यमंत्री योगी पहुंच रहे हाथरस


मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ घटनास्थल का दौरा करने वाले हैं. इस दौरान चीफ सेक्रेटरी और डीजीपी यहां कैंप करने वाले हैं. सीएम योगी आदित्यनाथ के हाथरस जाने पर उन्हें ऑब्जर्वेशन रिपोर्ट दी जाएगी. एडीजी आगरा जोन और कमिश्नर अलीगढ़ मंडल भी आधिकारिक रिपोर्ट देंगे. लोकल इंटेलिजेंस यूनिट और स्टेट इंटेलिजेंस यूनिट भी अपनी रिपोर्ट बना रही है. स्टेट इंटेलिजेंस यूनिट की तरफ से आयोजन की रिपोर्ट के साथ बाबा का इतिहास भी सीएम योगी को बताया जाएगा. 


हाथरस हादसे को लेकर अभी लेटेस्ट अपडेट्स क्या है?



  • बाबा नारायण हरि के सत्संग के दौरान मची भगदड़ में अब तक 116 लोगों की मौत हुई है. 20 से ज्यादा घायल लोग घायल हैं. NDRF की कई टीम सर्च और रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटी हैं. 

  • हादसे के बाद से गायब बाबा नारायण हरि उर्फ भोले बाबा की मैनपुरी में लोकेशन मिली है. सूत्रों के मुताबिक बाबा ने हरीनगर के सत्संग स्थल पर शरण ली हुई है. राम कुटीर चैरिटेबल ट्रस्ट के आश्रम में तलाशी अभियान जारी. 

  • हाथरस सत्संग हादसे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह की पैनी नजर है. सीएम योगी से फोन पर बात हुई है. पूरे घटनाक्रम की जानकारी ली गई है.

  • मृतकों के परिजनों को 2 लाख और घायलों को 50 हजार की मदद का ऐलान किया गया है. ADG पुलिस आगरा, कमिश्नर अलीगढ़ की अध्यक्षता में अलग-अलग दो कमेटी का गठन हुआ है. आज ही रिपोर्ट दी जाएगी.

  • हाथरस में सिकंदर राव के ट्रॉमा सेंटर में दर्दनाक तस्वीर दिखी है. परिजनों को ढूंढते दिखे रोते-बिलखते लोग. ट्रामा सेंटर में करीब 96 शव लाए गए थे. परिजन मोबाइल में फोटो दिखा कर लोगों से पूछताछ कर रहे हैं.

  • यूपी के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने कहा कि शुरुआती रिपोर्ट के मुताबिक 80 हजार की भीड़ का अनुमान लगाया था, लेकिन उससे ज्यादा लोग पहुंचे. परमीशन की शर्तों का पालन नहीं हुआ.

  • हाथरस की घटना पर शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि लोग ज्यादा भीड़ इकठ्ठा कर लेते हैं, लेकिन प्रबंधन नहीं कर पाते. आयोजकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए.


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