Hathras Satsang Stampede: यूपी के हाथरस में सत्संग के दौरान मची भगदड़ में अब तक 100 से अधिक लोगों की जान चली गई है. अलीगढ़ की कमिश्नर चैत्रा वी का दावा है कि हादसे में 107 लोगों की मौत हुई है. हालांकि, सत्संग को लेकर अब कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं कि इतने बड़े पैमाने पर लोगों की जान कैसे चली गई.


जानकारी के अनुसार, बाबा नारायण साकार हरि को सुनने के लिए भारी तादात में लोग पहुंचते हैं. बताया जाता है कि एटा से ताल्लुक रखने वाले बाबा नारायण साकार हरि के भक्त पुलिसकर्मी भी हैं. 


कौन संभालता है सत्संग की जिम्मेदारी?


दरअसल, भोले बाबा के सत्संग का जिम्मा स्वयंसेवक संभालते हैं. कार्यक्रम से जुड़ी सभी व्यवस्थाओं को स्वयंसेवक ही देखते हैं और बाबा के कार्यक्रम स्थल पर पहुंचने से पहले ही स्वयंसेवक वहां पहुंच जाते हैं. इतना हीं नहीं बाबा के भक्त पुलिसकर्मी भी छुट्टी लेकर उनके कार्यक्रम में आते हैं और वह बाबा की फ्लीट को एस्कॉर्ट करते हैं. बाबा के कार्यक्रम की जिम्मेदारी संभालने वाले कर्मी गुलाबी वर्दी पहनते हैं. उनका काम व्यवस्थाओं को संभालने का होता है.


कितने लोग हुए थे सत्संग में शामिल?


बता दें कि बाबा भोलेनाथ की सभा में 50 हजार से भी अधिक लोग शामिल हुए थे. इस दौरान भगदड़ के बीच बड़ी संख्या में लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी. बाबा को प्रशासन की ओर से सभा का आयोजन करने की मंजूरी मिल गई थी. ऐसे में यह सवाल उठ रहा है कि आखिर जब बाबा को इतनी बड़ी संख्या में लोगों को एकत्रित करने की मंजूरी दी गई, तो उनके बैठने और निकासी की व्यवस्था क्यों नहीं की गई. बताया जा रहा है कि अलग-अलग राज्यों से लोग सभा में शामिल हुए थे. हादसे से चौतरफा मातम पसर गया.


केंद्र और राज्य ने किया मुआवजे का एलान


इस बीच उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाथरस हादसे का संज्ञान लेते हुए मृतकों के परिजनों को दो लाख और घायलों को 50 हजार रुपए देने का ऐलान किया है. इसके अलावा, प्रधानमंत्री की ओर से भी मृतकों के परिजनों को दो लाख और घायलों को 50 हजार रुपए देने का ऐलान किया गया है.


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