Hathras Stampede News: उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में सत्संग के दौरान मची भगदड़ को लेकर लोगों में काफी ज्यादा नाराजगी है. इस हादसे को लेकर अब इलाहाबाद हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया गया है. वकील गौरव द्विवेदी ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की है, जिसमें उन्होंने हाथरस हादसे की सीबीआई जांच की मांग की है. सत्संग में मची भगदड़ में कुल मिलाकर 116 लोगों की मौत हुई है, जिसमें से ज्यादातर महिलाएं हैं. मृतकों के परिजनों को 2 लाख रुपये मुआवजे का ऐलान किया गया है.


हाथरस के पुलराई गांव में प्रवचनकर्ता बाबा नारायण हरि के सत्संग का आयोजन हो रहा था. इस दौरान लोगों के बाहर निकलते समय भगदड़ मच गई. लोग एक-दूसरे के ऊपर गिरने लगे, जिसकी वजह से दर्जनों लोगों की मौत दम घुटने और कुचले जाने से हो गई. सत्संग में करीब एक लाख लोगों की भीड़ जुटी हुई थी, जिसमें शामिल होने के लिए हाथरस से सटे एटा और अलीगढ़ जैसे जिलों से भी लोग आए थे. जिस बाबा का सत्संग हो रहा था, उसे लोग साकार विश्व हरि भोलेबाबा के नाम भी जानते हैं. 


हाथरस हादसे में सबसे ज्यादा महिलाओं की मौत


समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने बताया कि भगदड़ में 116 लोगों ने जान गंवाई है. इसमें सात बच्चे और एक पुरुष को छोड़कर मरने वाली सभी महिलाएं हैं. घटना के बाद सामने आए वीडियो में महिलाओं को रोते-बिलखते हुए भी देखा गया है. सत्संग में शामिल होने के लिए दूर-दराज के देहात इलाकों से महिलाएं यहां पहुंची हुई थीं. घटना से पहले के वीडियो भी सामने आए हैं, जिसमें महिलाओं की भारी भीड़ को देखा जा सकता है.


क्यों हुआ हाथरस हादसा? 


हाथरस में सत्संग करने वाले वाले भोले बाबा को लेकर पता चला है कि एक वक्त में वह पुलिस में शामिल थे. 1990 के दशक में उन्होंने पुलिस की नौकरी छोड़ दी. इसके बाद वह अध्यात्म की ओर चल पड़े और सत्संग करने लगे. मिली जानकारी के मुताबिक, हाथरस हादसे के पीछे चमत्कारी मिट्टी का हाथ है. जांच में पता चला है कि बाबा जहां पैर रखते थे, वहां की मिट्टी को भक्त पवित्र मानते हैं. मान्यता है कि उस मिट्टी को घर ले आने से सारे कष्ट रोग दूर होते हैं. 


महिलाएं मिट्टी को आंचल में बांध लेती हैं और घर ले जाती हैं. बाबा के मार्ग में रंगोली सजाई जाती है. उस रंगोली के रंग से मिली धूल को भी महिलाएं अपने पल्लू में बांध लेती हैं. सालों से यही परंपरा चली आ रही है. इस चमत्कारी मिट्टी के चक्कर में लोग उमड़े और फिर भगदड़ शुरू हो गई. 


यह भी पढ़ें: Hathras Stampede: हाथरस भगदड़ मामले में पुलिस ने दर्ज की FIR, 'भोले बाबा' का नहीं है नाम, जानें किन धाराओं में हुआ केस