Hathras Stampede: 'सबको एक दिन मरना है...', हाथरस हादसे पर 'भोले बाबा' का अजीबोगरीब बयान
Hathras Stampede Bhole Baba: हाथरस में हुए हादसे में 121 लोगों की मौत हो गई. इस मामले में जो केस दर्ज किया गया है, उसमें आरोपियों के तौर पर भोले बाबा का नाम नहीं दर्ज किया गया है.
Hathras Stampede News: उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में जुलाई के पहले हफ्ते में हुए हादसे से अभी तक लोग हैरान हैं. हाथरस में एक सत्संग के बाद मची भगदड़ में 121 लोगों की मौत हो गई. जिले के फुलरई गांव में बाबा हरिनारायण साकार उर्फ भोले बाबा का सत्संग हो रहा था. हाथरस हादसे के बाद सुर्खियों में आए भोले बाबा ने बुधवार (17 जुलाई) को कहा कि वह भगदड़ से बहुत व्यथित हैं, लेकिन नियति में लिखे को कोई टाल नहीं सकता और सभी को एक दिन मरना ही है.
भोले बाबा का असली नाम सूरजपाल जाटव है. पीटीआई को दिए एक इंटरव्यू में बाबा ने कहा कि वह दो जुलाई की घटना के बाद से डिप्रेशन में हैं और अत्यंत व्यथित हैं, लेकिन होनी को कौन टाल सकता है. जो आया है उसे एक दिन तो जाना भी है. उन्होंने अपने वकील ए.पी. सिंह के पूर्व में दिए गए एक बयान को दोहराते हुए कहा, "हमारे वकील डॉक्टर ए. पी. सिंह और प्रत्यक्ष दर्शियों ने जिस विषैले स्प्रे के बारे में बताया है, वह पूर्णतय: सत्य है, कोई ना कोई साजिश जरूर हुई है."
एसआईटी जांच पर पूरा भरोसा: भोले बाबा
भोले बाबा ने आरोप लगाया कि कुछ लोग हैं, जो सनातन और सत्य के आधार पर चलने वाले उनके संगठन को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने कहा, "हमें एसआईटी (विशेष जांच दल) और न्यायिक आयोग पर पूरा भरोसा है तथा मानव मंगल मिलन सद्भावना समागम के सभी अनुयायियों को भी पूरा भरोसा है कि वे दूध का दूध और पानी का पानी करते हुए साजिशकर्तों को बेनकाब करेंगे."
बाबा ने कहा, "हमने महापुरुषों से दिवंगत आत्माओं के परिजनों और इलाज करवा रहे घायलों के साथ जीवन पर्यंत तन-मन-धन से खड़े रहने की अपील की है जिसको सभी महापुरुषों ने अपनी अपनी सामर्थ्य के अनुसार मानना भी शुरू किया है." इससे पहले, भोले बाबा बुधवार को कासगंज के पटियाली स्थित अपने आश्रम पहुंचे.
किसी दूसरे देश नहीं गए भोले बाबा: वकील
भोले बाबा के वकील ए.पी. सिंह ने कासगंज में संवाददाताओं से कहा, ''वह (भोले बाबा) अपने आश्रम पहुंच गए हैं और यहीं रहेंगे. वह यहां एक अन्य आश्रम से ही आए हैं. वह कभी किसी के घर, होटल या किसी दूसरे देश में नहीं गए.'' उन्होंने कहा कि कासगंज बाबा की जन्मस्थली है और वह आखिरी बार 2023 में एक दिन के लिए यहां आए थे और इससे पहले वे 2013 में यहां आए थे.
भगदड़ की जांच के लिए गठित हुई थी एसआईटी
दरअसल, दो जुलाई को हाथरस के सिकंदराराऊ इलाके में स्वयंभू बाबा सूरजपाल उर्फ नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा के सत्संग के बाद मची भगदड़ में 121 लोगों की मौत हो गई थी. राज्य सरकार ने घटना की जांच के लिए एसआईटी और न्यायिक आयोग का गठन किया है. भगदड़ के मामले में दर्ज मुकदमे में बाबा का नाम आरोपी के तौर पर शामिल नहीं था.
किन वजहों से हुआ हाथरस हादसा?
एसआईटी ने गत जुलाई को राज्य सरकार को सौंपी गई अपनी रिपोर्ट में भगदड़ के पीछे किसी बड़ी साजिश की आशंका से इनकार नहीं किया. एसआईटी रिपोर्ट में स्थानीय प्रशासन की ओर से चूक की ओर भी इशारा किया गया है. रिपोर्ट में भगदड़ के लिए आयोजकों को जिम्मेदार ठहराया गया है और दावा किया गया है कि उन्होंने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए कोई व्यवस्था नहीं की और प्रशासन की जिम्मेदारी भी तय की गई है.
सूत्रों ने बताया कि स्थानीय पुलिस और प्रशासन ने इस आयोजन को गंभीरता से नहीं लिया और वरिष्ठ अधिकारियों को उचित जानकारी देने में विफल रहे. भोले बाबा के वकील ने पिछली छह जुलाई को दावा किया था कि हाथरस में कुछ अज्ञात लोगों द्वारा छिड़के गए किसी जहरीले पदार्थ के कारण भगदड़ मची. इलाहाबाद हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश बृजेश कुमार श्रीवास्तव की अध्यक्षता में एक अलग न्यायिक आयोग भी हाथरस भगदड़ मामले की जांच कर रहा है.
इससे पहले, पुलिस सहित सरकारी एजेंसियों ने आयोजकों को कार्यक्रम में कुप्रबंधन के लिए दोषी ठहराया था, जिसमें कहा गया था कि आयोजकों ने प्रशासन को सत्संग में 80 हजार लोगों के आने की सूचना दी थी मगर वहां ढाई लाख लोगों की भीड़ जुट गयी. भगदड़ के सिलसिले में अब तक मुख्य आरोपी देवप्रकाश मधुकर सहित नौ लोगों को गिरफ्तार किया गया है. मधुकर हाथरस के फुलराई गांव में गत दो जुलाई को भोले बाबा के 'सत्संग' का मुख्य आयोजक था.
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