Hathras Stampede: हाथरस सत्संग हादसे में 121 लोगों की मौत का मामला लगातार सुर्खियों में बना हुआ है. सत्संग में मची भगदड़ में हुई मौतों को लेकर यूपी पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली है. अभी नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा पर मुकदमा दर्ज नहीं किया गया है, जिनके सत्संग में भगदड़ मची थी.
इस बीच सूरज पाल उर्फ भोले बाबा का आपराधिक रिकॉर्ड सामने आने लगा है. यूपी के पूर्व डीजीपी विक्रम सिंह ने कहा था कि इस बाबा पर कई मामले दर्ज हैं और इसमें यौन शोषण का भी मामला है. हालांकि, सूरज पाल के खिलाफ जो मामला सामने आया है, वो चमत्कारी उपचार अधिनियम के तहत दर्ज किया गया था.
लड़की को जिंदा करने का दावा
साल 2000 में आगरा के शाहगंज पुलिस थाने में सूरज पाल, उसकी पत्नी प्रेमवती समेत 7 लोगों के खिलाफ एक मर चुकी लड़की को जिंदा करने के दावे के लिए आईपीसी की धारा 109 और चमत्कारी उपचार अधिनियम के तहत केस दर्ज किया गया था.
एफआईआर के मुताबिक 16 साल की एक लड़की की प्राकृतिक कारणों से मौत हो गई थी. लड़की के परिवार वाले शव को लेकर श्मशान पहुंचे, लेकिन वहां सूरज पाल करीब 200 लोगों के साथ आ गया. सूरज पाल और अन्य ने लड़की को फिर से जिंदा करने का दावा करते हुए परिजनों को अंतिम संस्कार करने से रोक दिया.
भोले बाबा के भक्तों ने पुलिस पर बरसाए पत्थर
पुलिस को लड़की के परिजनों में से ही किसी ने मामले की जानकारी दी. जैसे ही पुलिस मौके पर पहुंची, सूरज पाल और उसके भक्तों से बहस शुरू हो गई. इस दौरान भोले बाबा के भक्तों ने पुलिस पर पत्थरबाजी कर दी. इसके बाद पुलिस ने सूरज पाल समेत 7 लोगों को गिरफ्तार कर लिया था.
मामले में सभी लोग हो गए थे बरी
इस मामले में 224/2000 मुकदमा संख्या दर्ज हुई थी. दिसंबर 2000 में ही पुलिस ने इस मामले में फाइनल रिपोर्ट लगा दी थी. हालांकि, इस मामले में आरोपी बनाए गए सभी लोगों कोर्ट से बरी हो गए थे. पुलिस की ओर से मामले में पर्याप्त सबूत पेश नहीं किए जा सके, जिसके चलते कोर्ट ने साक्ष्य के अभाव में सबको बरी कर दिया था.