Hathras Stampede: 'भोले बाबा' की गिरफ्तारी क्यों नहीं? राहुल-अखिलेश से भी तीखे सवाल, जानिए क्या मिला जवाब
Congress-SP on Hathras Stampede: हाथरस हादसे ने आयोजन के दौरान घोर लापरवाही देखने को मिली, जिसकी वजह से 121 लोगों की मौत हुई. इस मामले पर जमकर सियासत भी हो रही है.
Hathras Stampede News: हाथरस में मची भगदड़ ने 121 जिंदगियां छीन लीं, जबकि दर्जनों लोग घायल हुए. इस हादसे को एक हफ्ते से ज्यादा हो चुका है, लेकिन अभी तक उस बाबा को नहीं पकड़ा जा सका है, जिसके सत्संग के दौरान भगदड़ मची थी. भोले बाबा उर्फ नारायण हरि उर्फ सूरजपाल जाटव अभी तक पुलिस की गिरफ्त से दूर है. हालांकि, एक तरफ यूपी सरकार लगातार एक्शन ले रही है तो दूसरी ओर इस मामले पर विपक्ष की चुप्पी को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं.
हाथरस हादसे पर समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव का बयान आया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि वह लोगों के हुई मौतों से दुखी हैं. उन्होंने कार्रवाई की मांग करते हुए कहा था कि ये हादसा प्रशासन की लापरवाही की वजह से हुआ. कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने न सिर्फ हादसे पर दुख जताया था, बल्कि वह अलीगढ़ और हाथरस जाकर उन पीड़ित परिवारों से भी मिले थे, जिनके अपनों ने भगदड़ में अपनी जान गंवा दी.
बीएसपी ने की है बाबा पर एक्शन की मांग
हालांकि, अभी तक सबसे बड़ा सवाल यही है कि भोले बाबा उर्फ सूरजपाल को कब गिरफ्तार किया जाएगा? इस मुद्दे पर न तो बीजेपी सरकार कुछ कह रही है और ना ही विपक्ष. समाजवादी पार्टी से लेकर कांग्रेस तक ने इस मसले पर चुप्पी साधे रखी है. सिर्फ बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने ही बाबा के खिलाफ एक्शन की मांग की है. उन्होंने यूपी सरकार की एसआईटी रिपोर्ट से बाबा का नाम गायब होने को लेकर भी सवाल उठाया है.
भोले बाबा की गिरफ्तारी के सवाल पर क्या बोली सपा?
एबीपी न्यूज के डिबेट शो में हिस्सा लेने आए अखिलेश यादव की पार्टी सपा के प्रवक्ता अनुराग भदौरिया से सवाल किया गया कि क्या उनकी पार्टी बाबा की गिरफ्तारी की मांग करेगी? इस पर सपा प्रवक्ता ने कहा कि सत्ता पक्ष कह रहा है कि विपक्ष जब कहेगा तो एक्शन लिया जाएगा, लेकिन विपक्ष तो बहुत कुछ कहता है. मगर आपने कभी उस पर एक्शन लिया है. एसआईटी में सिर्फ छोटे अधिकारियों की भूमिका का जिक्र किया गया है. इसमें डीएम, एसएसपी जैसे बड़े अधिकारियों के नाम नहीं हैं.
अनुराग भदौरिया ने कहा कि एसएसपी और डीएम जिले के मुखिया की तरह होते हैं. 80 हजार लोगों की इजाजत के बावजूद उनकी नाक के नीचे 2.5 लाख लोग इकट्ठा हो गए. उनसे सवाल होने चाहिए कि क्या आयोजन स्थल पर पानी, निकासी, एंबुलेंस और दमकल की व्यवस्था की गई थी. इन सभी बड़े अधिकारियों को बचाया गया है. सिर्फ छोटी मछलियों को पकड़ा जा रहा है. बाबा हो या फिर बड़े अधिकारी जितनी भी बड़ी मछलियां हैं, सबको पकड़ना पड़ेगा. सपा ने भी बाबा की गिरफ्तार नहीं होने के लिए यूपी सरकार को जिम्मेदार बताया.
एसआईटी में दी गई बाबा को क्लीन चिट: कांग्रेस
वहीं, जब कांग्रेस प्रवक्ता अखिलेश प्रताप सिंह से बाबा की गिरफ्तारी और एसआईटी रिपोर्ट को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि बाबा को क्लीन चिट देने के बाद बीजेपी के पास उसका बचाव करने की हिम्मत नहीं है. पिछले आठ सालों में यूपी में बीजेपी सरकार ने सवा सौ एसआईटी गठित की है. जिन मामलों में आरोपियों को क्लीन चिट देना होता है, उसमें यूपी सरकार चतुराई से एसआईटी गठित कर देती है. इन एसआईटी में कुछ भी खुलासा नहीं होता है. इस तरह उन्होंने सीधे तौर पर यूपी सरकार को ही सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया.
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