उत्तर प्रदेश के हाथरस में मची भगदड़ में 121 लोगों की मौत के बाद बाबा नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा को लेकर तमाम बड़े खुलासे हो रहे हैं. भोले बाबा को लेकर नया खुलासा उसके बहादुर नगर स्थित आश्रम को लेकर हुआ है. यहां हर रोज हजारों की संख्या में भोले बाबा के भक्त पहुंचते हैं. इस आश्रम में 'चमत्कारी' हैंडपंप भी है. बाबा के भक्तों का मानना है कि इस हैंडपंप का पानी पीने से बीमारियां ठीक हो जाती हैं. भक्त इस हैंडपंप के जल को अपने साथ अपने घर ले जाते हैं.


भोले बाबा के हाथरस में हुए सत्संग में मची भगदड़ में 121 लोगों की मौत हुई है. कासगंज जिले में स्थित भोले बाबा के पैतृक गांव बहादुरनगर के लोग अभी भी उसकी तारीफ करते नहीं थकते. ग्रामीणों का कहना है कि प्रवचनकर्ता भोले बाबा ने कभी किसी से कोई दान या चढ़ावा नहीं मांगा.  


स्थानीय लोगों के मुताबिक, भोले बाबा पहले अपने गांव में ही सत्संग करते थे लेकिन बाद में वहां काफी भीड़ होने लगी और गरीबों लोगों की फसलों को नुकसान होने लगा, इसलिये उन्होंने गांव में सत्संग बंद कर दिया. उनके अनुयायियों का दावा है कि बाबा अपने भक्तों से किसी तरह का दान या चढ़ावा नहीं मांगते. स्थानीय लोगों से जब समाचार एजेंसी पीटीआई ने पूछा कि बाबा ने बिना दान-दक्षिणा के कासगंज में इतना भव्य धाम कैसे बनाया, तो लोगों ने कहा कि यह भक्तों का दान है और बाबा ने उनसे कुछ मांगा नहीं था.         


'बाबा का आचरण बहुत अच्छा'


महिलाओं का कहना है कि बाबा का आचरण बहुत अच्छा है और वह सिर्फ भगवान के बारे में ही बातें करते हैं. आश्रम के पास रहने वाले धन सिंह, मोहित कुमार और गांव के जय कुमार ने भी बाबा की तारीफ की और कहा कि वे और बड़ी संख्या में अन्य लोग अक्सर बाबा के सत्संग में जाते हैं.