मुंबई: मुंबई में लैब्स ने अब बड़े पैमाने पर एंटीबॉडी टेस्ट करने शुरू कर दिए हैं. इस टेस्ट के जरिए यह पता चलता है कि क्या भूतकाल में आपको कोरोना हो चुका है और क्या उससे निपटने के एंटीबॉडी आपके खून में तैयार हो गए हैं.


ये टेस्ट स्वैब टेस्ट के मुकाबले काफी सस्ता है और इसकी रिपोर्ट भी जल्द ही मिल जाती है, हालांकि इसे स्वैब टेस्ट का विकल्प नहीं माना जाता.


क्या है एंटीबॉडी टेस्ट?
किसी शख्स को जब कोरोना हो जाता है तो उसके शरीर में वायरस से लड़ने के लिए एंटीबॉडी पैदा हो जाते हैं. कोरोना वायरस अलग-अलग लोगों में अलग-अलग तरह के लक्षण उनकी रोग प्रतिकारक क्षमता के मुताबिक दिखाता है.


किसी में कोई लक्षण नहीं दिखते, किसी में कम लक्षण दिखते हैं, किसी में गंभीर लक्षण और किसी की हालत इतनी खराब हो जाती है कि जान जाने का खतरा हो जाता है.


एंटी बॉडी टेस्ट के लिए आमतौर पर वे लोग जा रहे हैं जो कि हाई रिस्क कि श्रेणी में आते हैं. हेल्थ केयर वर्कर्स, पुलिसकर्मी और पत्रकार इनमें शामिल हैं. जिस शख्स का एंटीबॉडी टेस्ट होना है उसके खून का सैंपल लिया जाता है और ICMR की ओर से मंजूर की गई मशीनों के जरिए एक प्रक्रिया के तहत ये सुनिश्चित किया जाता है कि खून में एंटीबॉडी हैं या नहीं और अगर हैं तो कितनी मात्रा में.


अगर एटीबॉडी नजर आते हैं तो रिपोर्ट पॉजिटिव आती है यानी कि शख्स को भूतकाल में कोरोना हो चुका है. अगर एंटीबॉडी नहीं है तो रिपोर्ट नेगेटिव आती है, जिसका मतलब है कि कोरोना नहीं हुआ है. कुछेक मामलों में ये भी होता है कि सैंपल देने वाले शख्स को कोरोना हो चुका है लेकिन उसके शरीर में एंटीबॉडी नहीं बनते. ऐसे मामले बेहद कम होते हैं.


कितना किफायती हैं टेस्ट? कितना वक्त लगता है रिपोर्ट आने में?
भले ही एंटीबॉडी टेस्ट स्वैब टेस्ट का पर्याय न हो, लेकिन स्वैब टेस्ट के मुकाबले ये काफी सस्ता है. मुंबई में थायरोकेयर नाम की लैब ये टेस्ट 600 रुपये में कर रही है, जबकि स्वैब टेस्ट की कीमत 2500 रुपये है. एक ओर जहां स्वैब टेस्ट की रिपोर्ट आने में 2 से 3 दिन का वक्त लगता है, तो वहीं इस टेस्ट की रिपोर्ट सैंपल देने के बाद चंद घंटों में ही मिल सकती है. एंटीबॉडी जांचने वाली लैब की प्रक्रिया में महज 15 मिनट लगते हैं. फिलहाल इस टेस्ट के लिए डॉक्टर का प्रिस्क्रिप्शन नहीं मांगा जा रहा.


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