Terrorist Funding: दिल्ली पुलिस की स्पेशल टीम ने आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा व अल-बद्र के आतंकियों को फंडिंग के आरोप में एक हवाला ऑपरेटर को दिल्ली से गिरफ्तार किया है. आरोपी की पहचान मोहम्मद यासीन के रूप में हुई है. वह अब तक लाखों रुपये इधर-उधर कर चुका है. जानकारी के अनुसार साउथ अफ्रीका से उसके पास हवाला के जरिए 24 लाख रुपये आए थे. जिनमें से 17 लाख रुपये आंतकी संगठनों तक पहुंचा चुका है. जबकि दरअसल, जम्मू-कश्मीर पुलिस ने 18 अगस्त को अब्दुल हामिद मीर नाम के आतंकी को जम्मू-कश्मीर से गिरफ्तार किया था. उसी की निशानदेही पर दिल्ली से मोहम्मद यासीन की गिरफ्तारी हुई है.


दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल ने आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा और अल बद्र के आतंकियों को फंडिंग में मदद करने वाले एक हवाला ऑपरेटर को गिरफ्तार किया है. आरोपी का नाम मोहम्मद यासीन (48) है. जिसे दिल्ली के तुर्कमान गेट से गिरफ्तार किया गया है. मोहम्मद यासीन मीना बाजार दिल्ली में गारमेंट का व्यवसाय करता था. इस व्यवसाय की आड़ में वह हवाला का कारोबार कर रहा था. दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल का दावा है कि मोहम्मद यासीन को हाल ही में साउथ साउथ अफ्रीका से 24 लाख रुपए हवाला के माध्यम से पहुंचाए गए थे. जिसमें से उसने 17 लाख रुपए जम्मू कश्मीर के आतंकी संगठनों तक पहुंचा दिए थे. यासीन के पास से 7 लाख रुपये नकद, मोबाइल फोन व अन्य दस्तावेज बरामद हुए हैं.


आतंकी अब्दुल हामिद से दस लाख रुपये हुए थे बरामद


दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल के स्पेशल कमिश्नर एचजीएस धालीवाल के अनुसार जम्मू कश्मीर में जम्मू कश्मीर पुलिस ने 18 अगस्त एक आतंकी अब्दुल हामिद मीर को गिरफ्तार किया था. जिसके पास से 10 लाख रुपये नकद बरामद किए गए थे. उसी की निशानदेही पर इस हवाला ऑपरेटर का सुराग मिला. जिसके बाद दिल्ली पुलिस ने जम्मू-कश्मीर पुलिस व केंद्रीय एजेंसियों की मदद से यासीन को गिरफ्तार किया है. इस हवाला ऑपरेटर ने अब्दुल हामिद मीर को 17 अगस्त को 10 लाख रुपये पहुंचाए थे. जैसे ही जम्मू-कश्मीर पुलिस से दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल को सूचना मिली. पुलिस ने उसे तुर्कमान गेट से गिरफ्तार कर लिया.


 कौन है मोहम्मद यासीन?


 दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल का दावा है कि मोहम्मद यासीन पेशे से गारमेंट ट्रेडर है. वह दिल्ली के मीना बाजार में व्यवसाय करता है. पुलिस के दावा है कि पूछताछ के दौरान यासीन ने बताया कि हवाला की रकम साउथ अफ्रीका से आती थी. जो भारत में मुंबई व सूरत में पहुंचाई जाती थी. वहां से हवाला नेटवर्क के माध्यम से यह रकम दिल्ली पहुंचती थी. यासीन इस हवाला चैन में दिल्ली लिंक से जुड़ा था. यहां से रकम लेने के बाद वह जम्मू-कश्मीर में लशकर-ए-तैयबा व अल-बद्र के आतंकियों तक रकम पहुंचाया करता था.


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