नई दिल्ली: हजरत निजामुद्दीन दरगाह एक बार फिर से लोगों के लिए खोल दी गई है. कोरोना काल है इसलिए एहतियात बरतते हुए सभी नियमों का पालन किया जा रहा है. दरगाह में नियमों का पालन हो सके, इसलिए जगह-जगह सोशल डिस्टेंसिंग को लेकर निशान बनाये गए हैं. लोगों के लिए सेनिटाइजेशन मशीन की व्यवस्था भी की गई है.
कोरोना काल मे संक्रमण को देखते हुए सरकार के नियमों के हिसाब से दरगाह में भी नियम बनाए गए हैं जिसके मुताबिक 10 वर्ष से कम और 65 साल से ज़्यादा उम्र के लोगों को दरगाह के अंदर जाने की इजाजत नहीं है. दरगाह के मुख्य द्वार पर सभी की थर्मल स्कैनिंग की जा रही है और एंट्री पर सैनिटाइजेशन टनल लगाया गया है, सैनिटाइजेशन और थर्मल स्कैनिंग के बाद टेम्परेचर सही होने पर ही अंदर जाने की अनुमती दी जा रही है. दरगाह में मास्क लगाना अनिवार्य है. बिना मास्क के किसी को भी इजाजत नहीं है. दरगाह परिसर में जगह जगह वॉलिंटियर्स खड़े हुए हैं जो लोगों को बार-बार सोशल डिस्टेंसिंग बनाने के लिए कह रहे हैं.
हजरत निजामुद्दीन की ज़ियारत के लिए जो लोग अंदर जा रहे हैं वह दूर से ही ज़ियारत कर रहे हैं किसी को भी फूल चढ़ाने की अनुमति नहीं है. संक्रमण को देखते हुए हजरत निजामुद्दीन दरगाह में ज़ियारत वाली जगह को प्लास्टिक के परदे से चारों तरफ से ढक दिया गया है ताकि लोग दूर से ही ज़ियारत करें और मजार को छू ना सकें और ना ही फूल चढ़ा सकेंगे. दरगाह में कैमरे से लोगों पर निगरानी रखी जाएगी. श्रद्धालुओं को दरगाह में अंदर रुकने की इजाजत नहीं होगी. दरगाह के अंदर वुजू ( हाथ मुंह धोने) की अनुमति भी नहीं है. दरगाह में अगले आदेश तक कव्वाली भी नहीं होगी.
दरगाह के इंतजाम को लेकर हमने हजरत निजामुद्दीन दरगाह के चेयरमैन सैयद अफसर अली निजामी साहब से बात की तो उन्होंने बताया कि "कोरोनावायरस शुरू होने पर ही आम लोगों के लिए दरगाह शरीफ बंद हो गई थी. 22 मार्च से आम पब्लिक के लिए मना हो गया था. 6 सितंबर से अब दोबारा शुरू की गई है. सैनिटाइजेशन के लिए मशीन लगा रखी है सोशल डिस्टेंसिंग के लिए निशान बना रखे हैं. मशीन से टेंपरेचर चेक करके ही अंदर लोगों को आने दिया जा रहा है. पहले लोग फूल चढ़ाते थे दौरा मानते थे बैठकर इबादत करते थे अभी सब कुछ मना कर दिया गया है."
यह भी पढ़ें.
चीन की 'स्ट्रिंग ऑफ पर्ल्स' के मुकाबले भारत भी मजबूत कर रहा जवाबी रणनीति