ग्वालियर: हाई कोर्ट की युगल पीठ ने बुधवार को कोविड-19 की गाइडलाइन के उल्लंघन के मामले में अपना फैसला सुना दिया है. केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ पर कोविड-19 के उल्लंघन के मामले में केस दर्ज किया जाएगा. ऐसा भरोसा महाधिवक्ता पुरुषेन्द्र कौरव ने हाईकोर्ट में दिया है. हाई कोर्ट के प्रिसिंपल रजिस्ट्रार को आदेश दिया है कि आदेश की कॉपी ग्वालियर-चंबल संभाग के 8 कलेक्टर व विदिसा कलेक्टर को भेजी जाए.


कोर्ट ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि सभा में जितने लोगों के आने की इजाजत दी है, उतने ही आ सकेंगे. सभा में आने वाले लोगों को सबसे पहले मास्क व सैनिटाइजर देना होगा. कोविड-19 की गाइड लाइन में किसी भी तरह की ढिलाई नहीं बरती जाएगी. उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए.


हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ  ने एक जनहित याचिका पर फैसला सुनाते हुए यह आदेश दिए. याचिकाकर्ता के अभिभाषक सुरेश अग्रवाल ने बताया कि कोर्ट ने पूर्व में दिए गए आदेश की अवहेलना करने वाले सभी लोगों को चिन्हित कर इनके खिलाफ एफआईआर के निर्देश दिए. याचिकाकर्ता ने जो साक्ष्य पेश किए थे उनमें केंद्रीय कृषिमंत्री नरेंद्र तोमर और पूर्व सीएम कमलनाथ की सभाओं में मौजूद भीड़ के फोटो पेश किए थे.


हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और केंद्रीय मंत्री नरेंद्र तोमर के खिलाफ कोविड-19 की गाइडलाइन का उल्लंघन करने के मामले में प्राथमिकी दर्ज करने के आदेश दिए हैं. हाईकोर्ट ने  अपने  चार बिंदु के आदेश में स्पष्ट रूप से कहा है कि राजनीतिक आयोजनों के लिए कोई रैली जुलूस अथवा आम सभा नहीं की जाए. इसके लिए वर्चुअल और आधुनिक  संचार संसाधनों का इस्तेमाल किया जाए.


जहां वर्चुअल मीटिंग नहीं ली जा सकती है वहां कारण बताते हुए राजनीतिक दल जिला कलेक्टर को मीटिंग के लिए आवेदन सौंपेंगे. कलेक्टर चुनाव आयोग की परमिशन के बाद राजनीतिक दलों को अपने कार्यक्रम करने की सशर्त अनुमति देगा. इसके लिए वहां मौजूद रहने वाले लोगों के लिए पर्याप्त सोशल डिस्टेंसिंग मास्क और सैनिटाइजर की व्यवस्था भी  राजनैतिक दलों को करनी पड़ेगी और इसके लिए जिला प्रशासन के पास दोगुनी राशि के सैनिटाइजर और मास्क की कीमत जमा करनी होगी.


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