INX मीडिया केस: चिदंबरम को हाई कोर्ट से झटका, अग्रिम जमानत की याचिका खारिज, अब SC में कल सुनवाई
पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेस नेता पी चिदंबरम को झटका लगा है, दिल्ली उच्च न्यायालय ने INX Media मामले से संबंधित भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पी चिदंबरम की अग्रिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया है.
नई दिल्ली: आईएनएक्स मीडिया मामले में पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है. दिल्ली हाईकोर्ट ने पी चिदंबरम की तरफ से दायर अग्रिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया है. हाइकोर्ट के इस फैसले का मतलब साफ है कि जांच एजेंसी जब चाहे पी चिदंबरम को गिरफ्तार कर सकती है.
दिल्ली हाईकोर्ट का फैसला आने के बाद चिदंबरम ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया. हालांकि आज उन्हें सुप्रीम कोर्ट से भी किसी भी तरह की राहत नहीं मिली है. सुप्रीम कोर्ट में उनकी जमानत को लेकर अब कल सुबह सुनवाई होगी.
वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई अयोध्या मामले की सुनवाई के लिए संविधान पीठ में बैठे होंगे, इसलिए सुबह 10:30 बजे याचिका का उल्लेख उस वरिष्ठतम न्यायाधीश के समक्ष किया जाएगा जो संविधान पीठ में नहीं हैं.
इससे पहले आज पी चिदंबरम की अग्रिम जमानत याचिका खारिज करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि अब तक सामने आए तथ्यों के आधार पर तो ऐसा लगता है कि याचिकाकर्ता पी चिदंबरम पूरे मामले में किंगपिन ( सरगना) की भूमिका में थे और जांच में सहयोग नहीं कर रहे थे.
बता दें कि ये मामला 2007 का है जब यूपीए 1 सरकार के दौरान पी चिदंबरम देश के वित्तमंत्री थे और आरोप है कि आईएनएक्स मीडिया को फॉरेन इन्वेस्टमेंट प्रोमोशन बोर्ड यानी एफआईपीबीई से आईएनएक्स मीडिया को गैरकानूनी रूप से स्वीकृति दिलाने के लिए 305 करोड़ रुपये की रिश्वत ली गयी थी.
इससे पहले इस मामले में अभी तक चिदंबरम को कोर्ट से करीब 2 दर्जन बार अंतरिम राहत मिल चुकी थी. वहीं जांच एजेंसी सीबीआई पहले ही चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम को पहले ही इस मामले में गिरफ्तार कर चुकी है और फिलहाल वो ज़मानत पर बाहर हैं.
इस मामले में अहम मोड़ तब आया जब इंद्राणी मुखर्जी जिनको पहले जांच एजेंसी ने आरोपी बनाया था, उन्होंने सरकारी गवाह बनने की अर्ज़ी लगा दी जिसको कोर्ट ने स्वीकार कर लिया और इंद्राणी इस मामले में सरकारी गवाह बन गईं. 2017 में सीबीआई ने इस मामले में फॉरेन इन्वेस्टमेंट प्रोमोशन बोर्ड से मिली स्वीकृति में गड़बड़ी पर एफआईआर दर्ज की है. जबकि जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय ने मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया हुआ है.
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