नई दिल्ली: स्वास्थय मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कोरोना वैक्सीन को लेकर आज बड़ा बयान दिया. स्वास्थ्य मंत्री ने कहा है कि अगले साल की पहली तिमाही तक कोरोना की वैक्सीन बनकर तैयार हो जाएगी. स्वास्थ्य मंत्री यह बात एक ऑनलाइन चर्चा के दौरान कही.


इसके साथ ही स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि अगर लोगों में वैक्सीन बनने के बाद उसे लेकर किसी भी तरह का संदेह होगा तो मैं खुद सबसे पहले वैक्सीन लगवाऊंगा. उन्होंने कहा कि टीका उपलब्ध होने पर सबसे पहले स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं, वरिष्ठ नागरिकों और फ्रंटलाइन पर काम कर रहे कोरोना वॉरियर्स को दिया जाएगा.


स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, ''सरकार को रेमेड्सविर जैसी दवाओं की कथित कालाबाजारी की रिपोर्ट मिली है. सरकार ने केंद्रीय ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन से कहा है कि वे ऐसे लोगों पर कार्रवाई करें. इसे लेकर राज्यों से बात करने को भी कहा गया है.''


दुनिया की निगाहें वैक्सीन कैपिटल हैदराबाद पर टिकीं
दुनियाभर की निगाहें भारत पर टिकी हैं जहां दुनिया की 60 फीसदी वैक्सीन तैयार होती है. आंध्र प्रदेश की राजधानी हैदराबाद वैक्सीन उत्पादन में भारत का सबसे प्रमुख केंद्र है. इस शहर में ग्लोबल वैक्सीन सप्लाई के एक तिहाई से अधिक तैयार करने की क्षमता है.


भारत की पहली स्वदेशी कोरोना वैक्सीन कोवोक्सीन, रूस की स्पूतनिक V, जॉनसन एंड जॉनसन की Ad26 Cov2.S, फ्लूजेन की कोरोफ्लू औऱ सनोफी की आने वाली वैक्सीन सभी का तालुकात हैदराबाद से है. एक अंग्रेजी अखबार में छपी रिपोर्ट के अनुसार, हैदराबाद की सभी वैक्सीन कंपनियां मैनुफैक्चरिंग टेक्नोलॉजी में बेहद मजबूत हैं. साथ ही गुड क्वालिटी की लाखों डोज तैयार करने की क्षमता भी है.


देश में लगातार 11वें दिन हजार से ज्यादा मौत
देश में पिछले 24 घंटों में 94,372 नए मामले सामने आए हैं. इससे पहले 11 सितंबर को रिकॉर्ड 97,570 संक्रमण के मामले दर्ज हुए थे. वहीं 24 घंटे में 1114 लोगों की जान चली गई है. देश में दो सितंबर से लगातार हर दिन एक हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो रही है. अच्छी खबर ये है कि 24 घंटे में 78,399 मरीज ठीक भी हुए हैं.


स्वास्थ्य मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के अनुसार, देश में अब कुल कोरोना संक्रमितों की संख्या 47 लाख 54 हजार हो गई है. इनमें से 78,586 लोगों की मौत हो चुकी है. एक्टिव केस की संख्या 9 लाख 73 हजार हो गई और 37 लाख लोग ठीक हो चुके हैं. संक्रमण के सक्रिय मामलों की संख्या की तुलना में स्वस्थ हुए लोगों की संख्या करीब चार गुना अधिक है.