नई दिल्ली: भारत के स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन सर्वसम्मति से डब्ल्यूएचओ कार्यकारी बोर्ड के अध्यक्ष चुने गए हैं. संयुक्त राष्ट्र की सबसे बड़ी स्वास्थ्य संस्था का संचालन करने वाले कार्यकारी मंडल की कमान भारत ने ऐसे वक्त संभाली है जब दुनिया कोरोना वायरस संकट से जूझ रही है.
बोर्ड की 147वीं बैठक को संबोधित करते हुए डॉ हर्षवर्धन ने कहा कि उनकी मौजूदा कोविड 19 संकट में वैश्विक संसाधनों के बेहतर समन्वय से मरने वालों की संख्या घटाने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन अधिक प्रभावी काम कर सके इसके लिए लिए वो सभी सदस्यों के साथ मिलकर काम करना चाहेंगे.
वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए हुए इस बैठक में जहां विश्व स्वास्थ्य संगठन के आला अधिकारी जिनेवा से शरीक हुए. वहीं डॉ हर्षवर्धन समेत अन्य देशों के नेता और तकनीकी जानकार अपने अपने मुल्कों से. भारत तीन साल तक कार्यकारी बोर्ड का सदस्य होगा. वहीं अध्यक्षता के लिए दक्षिण और दक्षिण पूर्व एशिया की बारी होने के कारण भारत को इसकी अगुवाई सौंपी गई है.
चुनाव के बाद कार्यकारी बोर्ड को संबोधित करते हुए भारतीय स्वास्थ्य मंत्री ने कोरोना महामारी के दौरान प्रभावी उपायों के लिए वैश्विक प्रयासों और सहयोग पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि सभी सदस्य राज्यों और साझा हित रखने वाले पक्षों के बीच निरंतर तालमेल से ही स्वास्थ्य सुधारों को मजबूत किया जा सकेगा. वहीं सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज के लक्ष्यों को हासिल करने के लिए जरूरी है कि संसाधनों का अधिक उत्पादक, कुशल और लक्षित उपयोग किया जाए.
डॉ हर्षवर्धन ने कहा कि कोरोना महामारी ने दुनिया में मौजूदा स्वास्थ्य प्रणालियों की कमजोरियां उजागर कर दी हैं. साथ ही दिखा दिया है कि स्वास्थ्य तैयारियों की अनदेखी के परिणामों कितने गंभीर हो सकते हैं. लिहाजा वैश्विक संकट के ऐसे समय में, जोखिम प्रबंधन और शमन दोनों पर ध्यान देने की जरूरत है. वैश्विक स्तर पर लोक स्वास्थ्य पर ध्यान देने और अधिक निवेश के लिए साझेदारी को अधिक मजबूत बनाना होगी.
वहीं बैठक में दिए अपने पहले अध्यक्षीय भाषण को खत्म करने से पहले डॉ हर्षवर्धन ने दुनियाभर में कोरोना से लड़ रहे सभी योद्धाओं और उनके परिवारजनों के लिए स्टैंडिंग ओवेशन दिया. इस दौरान डॉ हर्षवर्धन भी भाषण देते हुए खड़े हो गए.
वहीं जिनेवा में विश्व स्वास्थ्य संगठन निदेशक डॉ टेडरॉस और उनकी टीम भी खड़ी होकर तालियां बजाती रही. WHO का कार्यकारी बोर्ड 34 तकनीकी रूप से योग्य सदस्यों से बना होता है. बोर्ड का मुख्य काम विश्व स्वास्थ्य सभा के निर्णयों और नीतियों को लागू करना है. साथ ही बोर्ड विश्व स्वास्थ्य संगठन का भी दिशा निर्देशन करता है.
गौरतलब है 18-19 मई को हुई विश्व स्वाश्त्य सभा की बैठक में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया गया था कि कोरोना वायरस के इंसानी शरीर में पहुंचने के कारणों की पड़ताल की जाए. साथ ही कोरोना वायरस संकट शुरु होने के बाद से विश्व स्वास्थ्य संगठन की तरफ से अब तक उठाए कदमों का भी स्वतंत्र, निष्पक्ष और सिलसिलेवार आकलन होगा. इस प्रस्ताव को भारत समेत 100 से भी ज्यादा देशों ने अपना समर्थन दिया था. बाद में नौबत यहां तक आ गई कि इन मुद्दों से अब तक बचने की कोशिश कर रहा चीन भी इसका सह प्रस्तावक बन गया.
लिहाजा विश्व स्वास्थ्य सभा के इस अहम फैसला को लागू करवाने की जिम्मेदारी भी डॉ हर्षवर्धन की अगुवाई वाले कार्यकारी बोर्ड की ही है. बोर्ड की बैठक में यह फैसला भी लिया गया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के गवर्निंग बोर्ड की अगली बैठक 18 जनवरी 2021 को होगी.
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