दिल्ली: मंगलवार को दिल्ली में कोरोना के रिकॉर्ड केस दर्ज किये गए. 24 घन्टे के अंदर 6725 पॉजिटिव केस आए हैं. दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि 10 दिन का औसत मृत्यु का दर 0.84% है. अभी तक की कुल मृत्यु दर 1.65% है. हॉस्पिटल में अभी लगभग 6800 भरे हुए हैं और 9000 उपलब्ध हैं.


क्या दिल्ली में ये कोरोना का थर्डवेव है इस सवाल के जवाब में स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि इसे कोरोना थर्डवेव कह सकते हैं. लेकिन मेरा यह भी कहना है कि पिछले 15 दिन से हमने स्ट्रेटजी को बहुत फोकस किया है. एग्रेसिव कांटेक्ट ट्रेसिंग की जा रही है. जो भी एक पॉजिटिव आता है उसके जितने भी कांटेक्ट हैं उन सब के टेस्ट किए जा रहे हैं उसकी वजह से भी मामले बढ़े हैं.


लोगों की लापरवाही बढ़ने पर सत्येंद्र जैन में कहा कि लोग अगर मास्क नहीं पहन रहे हैं तो लापरवाही माननी ही पड़ेगी और ऐसा सुनने में भी आ रहा है कि कुछ लोग मास्क नहीं लगा रहे हैं.


प्राइवेट अस्पतालों में आईसीयू बेड की कमी-


बहुत सारे लोग सिर्फ प्राइवेट हॉस्पिटल में जाना चाह रहे हैं उसका कारण ये है कि जो दिल्ली से बाहर आने वाले लोग हैं वह पहले से ही किसी प्राइवेट हॉस्पिटल का नाम सुनकर आता है और वह सीधा प्राइवेट में ही जाता है. दूसरा कारण ये भी है कि इस बार जो लोग पॉजिटिव हो रहे हैं उसमें अपर मिडिल क्लास और मिडिल क्लास के लोग काफी ज्यादा लग रहे हैं क्योंकि दिल्ली में पहले जब कोरोना फैला था तो कंजेस्टेड एरिया में ज्यादा था.


अबकी बार थोड़ा सा अपर सेगमेंट में जा रहा है जो कि एफोर्ड कर सकते हैं. साथ ही इंश्योरेंस वाले बहुत लोग देखे जा रहे हैं. ट्रीटमेंट प्रोटोकॉल एक है आप सरकारी में भी कराइये इलाज बिल्कुल फ्री है, सरकारी अस्पताल में ICU बेड भी उपलब्ध हैं तो कोई दिक्कत नहीं है.


नॉर्म्स में बदलाव और सख्ती बढ़ाने पर-


इसमें दो चीज है प्रीकॉश्न और प्रीवेंशन. प्रीवेंशन ये है कि कोरोना से बचने का सबसे अहम टूल जो समझ आया है वो मास्क है.


कंटेनमेंट जोन को लेकर मौजूदा पॉलिसी पर-


कंटेनमेंट जोन बढ़ाए जा रहे हैं. इस वक्त 3453 कंटेन्मेंट जोन हैं, अगर कहीं पर 3 या 4 केस आते हैं तो उसको कंटेन्मेंट जोन बनाते हैं.


सलून और रेस्टोरेंट में कोरोना टेस्टिंग पर-


इसको हमने शुरू कर दिया है. हमने जो मार्केट प्लेस और भीड़-भाड़ इलाकों को टारगेट करके उनमें टेस्टिंग की जा रही है. इनमे RT PCR भी बढ़ाये जा रहे हैं.


त्योहार के समय में दिल्ली सरकार की तैयारियों पर-


हमने प्राइवेट अस्पताल में 80% आईसीयू बेड रिज़र्व किए थे जिसको हाईकोर्ट ने रोक दिया था उसके लिए अब हम सुप्रीम कोर्ट जा रहे हैं क्योंकि आईसीयू बेड की उपलब्धता ही दिक्कत है. वैसे तो 9000 बेड हमारे पास उपलब्ध है लेकिन आईसीयू बेड भी प्राइवेट हॉस्पिटल में दिक्कत आ रही है. ऐसे करीब 800 बेड हैं.


क्या हाईकोर्ट के फैसले का असर हुआ है?


जी, अभी हमारे हाथ मे हैं नहीं उसके लिये ही सुप्रीम कोर्ट जा रहे हैं.


दिल्ली में अन्य राज्यों की अपेक्षा ज्यादा मामले आने पर-


दिल्ली में टेस्टिंग बहुत टारगेटेड और फोक्सड है बाकी राज्यों के बारे में कमेंट नहीं करना चाहूंगा.


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