कोरोना वैक्सीन को इस्तेमाल करने की ब्रिटेन और रूस में आपात इजाजत देने के बाद दुनियाभर के देशों में इसको लेकर जबरदस्त तरीके से तैयारी की जा रही है. वैक्सीन को लेकर भारत के लोगों के लिए सबसे बड़ी राहत की बात ये है कि अगले कुछ दिनों में यहां पर कुछ कोरोना वैक्सीन के इस्तेमाल की आपात मंजूरी दी जा सकती है. स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया और भारत बायोटेक ने वैक्सीन के आपात इस्तेमाल के लिए आवेदन दिया है.
स्वास्थ्य मंत्रालय ने आगे कहा- पीएम मोदी ने सभी वैक्सीन निर्माता दवा कंपनियों के साथ बात की है. भारत में छह वैक्सीन का परीक्षण किया जा रहा है. केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव राजेश भूषण ने मंगलवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि कुछ वैक्सीन को अगले कुछ हफ्तों में लाइसेंस दिया जा सकता है.
उन्होंने कहा कि वैक्सीनेशन सिर्फ केन्द्र या फिर राज्य सरकार की ही जिम्मेदारी नहीं है बल्कि इसमें आम लोगों को भागीदार होना पड़ेगा. स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि कोरोना वैक्सीन को लेकर केन्द्र की तरफ से राज्य और केन्द्र शासित प्रदेशों के सहयोग से इस पर काम कर रहा है.
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि इस साल अगस्त में कोविड-19 वैक्सीन को लेकर नेशनल एक्सपर्ट ग्रुप बनाया गया है. इनके जरिए किसी उम्र ग्रुप के लोगों को पहले वैक्सीन दी जाए, कैसे खरीद और उसकी रख-रखाव हो, कौन सी वैक्सीन का चयन किया जाए और वैक्सीन की डिलिवरी और ट्रैकिंग मैकेनिज्म पर ये सलाह देते हैं.
स्वास्थ्य मंत्रालय में सचिव राजेश भूषण ने कहा कि जैसे ही हमें अपने वैज्ञानिकों से हरि झंडी मिलगी, हम बड़े पैमाने पर वैक्सीन की उत्पादन शुरू कर देंगे. हमने पूरी तैयारियां कर ली हैं और वैक्सीन के उत्पादन को बढ़ाने की पूरी रूप-रेखा तैयार हो चुकी है ताकि यह कम से कम समय में हर किसी के लिए उपलब्ध हो पाए.
उन्होंने कहा कि आज देश में कोरोना के कुल 4 लाख से भी कम सक्रिय मामले हैं. यह कुल मामलों का 4 फीसदी से भी कम है. कोरोना पॉजिटिवि होने की दर कम रहो रही है. राजेश भूषण ने कहा कि देश में कुल कोरोना के एक्टिव मामलों में से महाराष्ट्र, केरल, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल और दिल्ली का 54 फीसदी योगदान है.
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