नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साल 2025 तक टीबी मुक्त भारत के सपने को पूरा करने के लिए मोदी सरकार एक्शन मोड में आ गई है. इसके तहत गुरुवार को चार मंत्रालय जिसमें स्वास्थ्य, रक्षा, रेल और आयुष मंत्रालय ने एक एम ओ यू किया जिसके तहत ये चारों मंत्रालय मिलकर टीबी के खिलाफ 'टीबी हारेगा देश जीतेगा' कैंपेन चलाएंगे और साथ ही मिलकर इसका इलाज करेंगे. हाल ही में प्रधानमंत्री मोदी ने बीजेपी के सांसदों के साथ बैठक में कहा था कि भारत को 2025 तक टीबी मुक्त भारत बना है.
इन चारों मंत्रालय के पास देश भर में कई अस्पताल है या कहे अस्पतालों और डिस्पेंसरी का नेटवर्क है. इसी स्वास्थ्य सेवा इंफ्रास्ट्रक्चर का इस्तेमाल कर अब मोदी सरकार टीबी के रोकथाम का करेगी. इन चार मंत्रालयों स्वास्थ्य,आयुष,रक्षा और रेलवे के बीच एमओयू साइन हुआ जिसमें स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की सबसे बड़ी भूमिका होगी. ये चारों मंत्रालयों का देशभर में अस्पताल औऱ डिस्पेंसरी का इस्तेमाल टीबी उन्मूलन के लिए किया जायेगा. इनका इस्तेमाल ना सिर्फ टीबी के इलाज बल्कि इसके जारी टीबी के रोकथाम के प्रचार प्रसार में भी होगा. इसके लिए खास कैंपेन भी चलाया जाएगा जिसका नाम रखा गया है 'टीबी हारेगा देश जीतेगा '.
स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन को लगता है कि जिस तरह से उन्होने 1994 में पोलियो को जड़ से खत्म करने के लिए अभियान चलाया था और वो सफल भी हुआ उसी तरह टीबी मुक्त भारत बनाने के लिए बड़ा अभियान शुरु करने की जरुरत है तभी जाकर 2025 तक ये लक्ष्य पूरा हो सकेगा. डॉ हर्षवर्धन ने कहा, ''प्रधानमंत्री मोदी जी के नेतृत्व में भारत सरकार ने संकल्प किया है कि जो लक्ष्य सारी दुनिया ने 2030 के लिए तय किया टीवी को हराने का वह लक्ष्य हमने अपने भारत के लिए 2025 में तय किया है 2025 से पहले टीवी के ऊपर फतेह करनी है और आप जानते हैं कि 2015 के अंदर हमने ट्रेन को रिवर्स करना भी शुरू कर दिया है उसमें भी सफलता पाई है इस काम को खाली स्वास्थ्य मंत्रालय नहीं सरकार के सभी मंत्रालय मिलकर करेंगे.''
स्वास्थ्य मंत्रालय के पास देश भर में कई अस्पताल है उसी तरह से रेल मंत्रालय के 125 अस्पताल और 586 पॉलिक्लीनिक. तो वहीं रक्षा मंत्रालय के पास 400 पॉलिक्लीनिक और आयुष मंत्रालय के 27 हजार डिस्पेंसरी और 4 हजार अस्पताल है. इसमें न सिर्फ टीबी का इलाज होगा बल्कि जागरुकता अभियान भी चलाया जा सकेगा. स्वास्थ्य मंत्री के मुताबिक टीबी जल्द ही बाकी मंत्रालयों के साथ इसी तरह का काम किया जाएगा ताकि टीबी मुक्त भारत का सपना 2025 में पूरा किया जा सके.
मोदी सरकार जानती है कि टीबी एक बड़ा खतरा है. टीबी से हर साल 4 लाख लोगों की मौत होती. हलांकि टीबी की बीमारी पर काफी हद तक कंट्रोल कर लिया गया है लेकिन अब भी हर साल 4 लाख लोग इसके चलते मौत के शिकार हो जाते हैं.हर साल 28 लाख लोगों को टीबी की बीमारी होती है.जिनमें 19 लाख टीबी के मरीजों को 500 रुपए प्रतिमाह सहायता राशि दी जाती है.