(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
मंत्री और उनकी पत्नी को घर जाकर कोरोना का टीका लगाने वाला स्वास्थ्यकर्मी सस्पेंड
आदेश में कहा गया है कि बार-बार प्रशिक्षण एवं निर्देश देने के बावजूद मंत्री को घर पर जाकर टीका लगाया गया है. निलंबित स्वास्थ्य अधिकारी को बिना पूर्व अनुमति के जांच पूरी होने तक कार्यस्थल भी नहीं छोड़ने का निर्देश दिया गया है.
कोविड-19 टीकाकरण नियमों का उल्लंघन कर कर्नाटक के कृषिमंत्री बी सी पाटिल और उनकी पत्नी को उनके आवास पर जाकर टीका लगाने वाले स्वास्थ्यकर्मी को निलंबित कर दिया गया है. स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण आयुक्त डॉ.के वी त्रिलोक चंद्र ने 26 मार्च को जारी आदेश में कहा कि वह ड्यूटी में लापवाही बरतने के आरोप में लंबित जांच तक हावेरी जिला स्थित हिरेकेरुर तालुका के स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.जेड आर मखंदर को सरकारी सेवा से निलंबित कर रहे हैं.
आदेश में कहा गया है कि बार-बार प्रशिक्षण एवं निर्देश देने के बावजूद मंत्री को घर पर जाकर टीका लगाया गया है. निलंबित स्वास्थ्य अधिकारी को बिना पूर्व अनुमति के, जांच पूरी होने तक कार्यस्थल भी नहीं छोड़ने का निर्देश दिया गया है.
Took the #COVID19Vaccine with my wife, at my Hirekerur house from the Govt. doctors today.
While 'Made In India' vaccines are being immensely appreciated by many countries, some vested interest groups are spreading false information about the vaccines.@DDChandanaNews | @DHFWKA pic.twitter.com/yE6fYZTddJ — Kourava B.C.Patil (@bcpatilkourava) March 2, 2021
उल्लेखनीय है कि मंत्री ने 2 मार्च को अपने आवास पर कोविड-19 से बचाव के लिए टीके की पहली खुराक ली थी और इसकी तस्वीर अपने सोशल मीडिया आकउंट पर साझा की थी. नियमों का उल्लंघन कर मंत्री को घर पर टीका लगाने की घटना की कड़ी आलोचना हुई थी. कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री डॉ.के सुधाकर ने भी नियमों का उल्लंघन होने पर अपनी नाखुशी जताई थी.
राज्य के कृषि मंत्री बी. सी. पाटिल और उनकी पत्नी को घर पर ही टीका लगाने को लेकर संबंधित स्वास्थ्य अधिकारी को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था. राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की निदेशक (कर्नाटक) अरूंधति चंद्रशेखर ने हावेरी के प्रजनन एवं बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम अधिकारी डॉ. जयांनद एम को कारण बताओ नोटिस भेजकर पूछा है कि नियमों का उल्लंघन क्यों किया गया.
निदेशक की ओर से यह पूछा गया था कि भारत सरकार के दिशानिर्देशों के अनुसार टीकाकरण निर्धारित अस्पतालों में ही किया जाना चाहिए और बैठकों में बार-बार यह कहा गया है. उन्होंने कहा कि उसके बाद भी नियम का उल्लंघन किया गया और स्वास्थ्य विभाग की बदनामी की गई. उन्होंने कहा कि यदि प्रजनन एवं बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम अधिकारी दोषी पाये जाते हैं तो उनके विरूद्ध कार्रवाई की जाएगी.