अमेरिकी दवा कंपनी फाइजर और जर्मनी की बायोएनटेक की तरफ से तैयार कोरोना वैक्सीन को कनाडा में भी इस्तेमाल की मंजूरी दे दी गई है. कनाडा के हेल्थ रेगुलेटर ने फाइजर की कोविड-19 वैक्सीन को बुधवार को मंजूरी दे दी. कनाडा के स्वास्थ्य विभाग ने एक बयान में कहा- “कनाडा के लोग विश्वास कर सकते हैं कि जो हमारे पास मजबूत निगरानी व्यवस्था है उसके जरिए कड़ी समीक्षा प्रक्रिया की गई है. जैसे ही यह वैक्सीन बाजार में आ जाएगी हेल्थ कनाडा और पब्लिक हेल्थ एजेंसी ऑफ कनाडा बेहद करीब से इस वैक्सीन की निगरानी करेगी और अगर कोई चिंता की बात सामने आती है तो कदम उठाने से नहीं झिझकेगी.”


कनाडा को इस महीने 5 लाख 49 हजार वैक्सीन की खुराक दी मिलेगी और मार्च तक 40 लाख वैक्सीन के डोज उपलब्ध हो पाएगी. स्वास्थ्य विभाग की तरफ से यह कहा गया है कि वैक्सीन अभी 16 साल या उससे ऊपर के लोगों को दी जाएगी, लेकिन फाइजर और बायएनटेक की तरफ से सभी आयु वर्ग के बच्चों पर इसका क्लिनिकल ट्रायल चल रहा है और वह बदल सकता है.


गौरतलब है कि फाइजर वैक्सीन की सबसे पहले ब्रिटेन में अपने यहां पर इमरजेंसी इस्तेमाल को मंजूरी दी है. वहां पर मंगलवार से बड़ी तादाद में लोगों का टीकाकरण भी शुरू हो चुका है. इसके अलावा फाइजर के वैक्सीन के इस्तेमाल की बहरीन ने भी अपने यहां पर इजाजत दे दी है.


फाइजर इंक के चेयरमैन और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) अलबर्ट बोर्ला ने इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ फार्मास्युटिकल मैन्युफैक्चरर्स एंड एसोसिएशंस (आईएफपीएमए) की ओर से मंगलवार को आयोजित वर्चुअल संवाददाता सम्मेलन में विभिन्न देशों में उसके टीके की कीमत को लेकर यह बात कही. अलबर्ट बोर्ला ने कहा कि वैक्सीन की कीमत अलग-अलग रखने के पीछे हमारा आधार यह है कि इसे जल्द से जल्द सभी देशों को उपलब्ध कराया जा सके. उन्होंने कहा कि इस टीके का भिन्न देशों में अलग-अलग दाम होगा. विकसित देशों में टीके की कीमत जीडीपी के आधार पर तय की जाएगी। वहीं, मध्यम आय वर्ग के देशों के लिए इसकी कीमत और कम होगी. वहीं निचली आय वाले देशों मसलन अफ्रीका को यह टीका बिना किसी लाभ के उपलब्ध कराया जाएगा.


इधर, भारत में भी  केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) के विशेषज्ञों की एक समिति ने बुधवार को कोविड-19 टीका के लिए सीरम इंस्टीट्यूट और भारत बायोटेक से अतिरिक्त सुरक्षा एवं प्रभावी डाटा मांगा है. टीके के आपातकालीन उपयोग के लिए अनुमति मांगने के उनके आवेदन पर विचार-विमर्श के बाद उन्होंने यह डाटा मांगा है। यह जानकारी आधिकारिक सूत्रों ने दी. उन्होंने कहा कि अमेरिकी दवा कंपनी फाइजर की भारतीय शाखा के आवेदन पर बुधवार को विचार-विमर्श नहीं हुआ क्योंकि कंपनी ने समिति के समक्ष प्रस्तुतीकरण देने के लिए और समय मांगा.

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