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Omicron: क्या फिर लगेंगी पाबंदियां? स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों को लिखी चिट्ठी, ये कदम उठाने के दिए निर्देश
Omicron Cases in India: खत में कहा गया कि देश के विभिन्न हिस्सों में कोरोना के मामलों में इजाफा हुआ है. साथ ही वेरिएंट ऑफ कंसर्न यानी ओमिक्रोन के मामलों को देखते हुए ठोस कदम उठाने की जरूरत है.
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ओमिक्रोन वेरिएंट से देश में बढ़ा खतरा
Omicron Symptoms: देश में ओमिक्रोन के मामले में अब तक 216 हो चुके हैं. केंद्र सरकार ने बढ़ते ओमिक्रोन मामलों पर चिंता जताई है. इस बीच केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने राज्यों के मुख्य सचिवों को खत लिखा है, जिसमें ओमिक्रोन की रोकथाम को लेकर कदम उठाने को कहा गया है.
खत में कहा गया कि देश के विभिन्न हिस्सों में कोरोना के मामलों में इजाफा हुआ है. साथ ही वेरिएंट ऑफ कंसर्न यानी ओमिक्रोन के मामलों को देखते हुए ठोस कदम उठाने की जरूरत है. खत में क्या कहा गया है, जानें:
- मौजूदा वैज्ञानिक सबूतों के आधार पर, ओमिक्रोन डेल्टा वेरिएंट की तुलना में कम से कम 3 गुना अधिक संक्रामक है. इसके अलावा, डेल्टा अभी भी देश के विभिन्न हिस्सों में मौजूद है. इसलिए, स्थानीय और जिला स्तर पर और भी अधिक दूरदर्शिता, डेटा विश्लेषण, तुरंत फैसले और सख्त और तेज नियंत्रण कार्रवाई की जरूरत है. राज्य और जिला स्तर पर तेजी से फैसले लेने होंगे.
- खत में आगे कहा गया कि जिला स्तर पर कोविड-19 से प्रभावित जनसंख्या, भौगोलिक प्रसार, अस्पताल के बुनियादी ढांचे और कंटेनमेंट जोन की लगातार समीक्षा होनी चाहिए. ये काम जिला स्तर पर ही प्रभावी फैसले लेने का आधार होना चाहिए.
- खत में कहा गया कि नाइट कर्फ्यू, शादी, सभाओं, अंतिम संस्कार, दफ्तरों और सार्वजनिक परिवहनों में लोगों की संख्या को सीमित करना होगा.
- सभी क्लस्टर नमूने बिना किसी देरी के जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए INSACOG लैब्स को भेजे जाने चाहिए.
- आईसीएमआर और स्वास्थ्य मंत्रालय के दिशा निर्देशों के अनुसार टेस्टिंग और घर-घर जाकर मामलों की खोज करनी होगी.
- चीफ सेक्रेटरीज को लिखे खत में बेड क्षमता को बढ़ाने को कहा गया है. इसके अलावा लॉजिस्टिक, बीमारों को लाने ले जाने की व्यवस्था करना, ऑक्सीजन उपकरणों की उपलब्धता, दवाओं के बफर स्टॉक रखने को कहा गया है.
- इसके अलावा वैक्सीनेशन की कवरेज बढ़ानी होगी. उन जिलों पर खास ध्यान देना होगा, जहां पहली और दूसरी खुराक का कवरेज राष्ट्रीय औसत से कम है.
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राहुल लाल, राजनीतिक विश्लेषकJournalist
Opinion