नई दिल्ली: भारत में कुछ राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के कुछ जिलों में लगातार कोरोना संक्रमण के केस तेज़ी से बढ़ रहे हैं. इसी सिलसिले में केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने आज आठ राज्यों के स्वास्थ्य सचिव, जिला अधिकारी, चीफ मेडिकल ऑफिसर और सर्विलांस अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक की.
इन आठ राज्यों, केंद्रशासित प्रदेशों में असम, बिहार, झारखंड, केरल, ओडिशा, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और दिल्ली शामिल हैं. इन आठ राज्यों के 13 जिलों में ना सिर्फ संक्रमण के केस सामने आ रहे हैं, बल्कि मृत्यु दर भी ज्यादा है. ये 13 जिले हैं-
- असम में कामरूप मेट्रोपोलिटन
- बिहार में पटना
- झारखंड में रांची
- केरल में अलप्पुझा और तिरुवनंतपुरम
- ओडिशा में गंजम
- उत्तर प्रदेश में लखनऊ
- पश्चिम बंगाल में 24 परगना उत्तर, हुगली, हावड़ा, कोलकाता और मालदा
- दिल्ली
इन जिलों में भारत के सक्रिय मामलों का लगभग 9% और कोरोना से मृत्यु की दर लगभग 14% है. वहीं चार जिले ऐसे हैं, जहां नए मामलों में बढ़ोतरी लगातार देखी गई है. ये हैं- असम में कामरूप मेट्रोपोलिटन, उत्तर प्रदेश में लखनऊ, केरल में तिरुवनंतपुरम और अलप्पुझा.
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई इस बैठक से पहले शुक्रवार (7 अगस्त) को भी केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने राज्यों के स्वास्थ्य सचिवों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक की थी. इन चार राज्यों के 16 जिले कोरोना से मृत्यु दर ज्यादा है. ये राज्य और जिले हैं-
- गुजरात के अहमदाबाद और सूरत
- कर्नाटक में बेलगावी, बेंगलुरु शहरी, कलबुरगी और उडुपी
-तमिलनाडु में चेन्नई, कांचीपुरम, रानीपेट, तेनी, तिरुवल्लुर, तिरुचिरापल्ली, तूतीकोरिन और विरुधनगर
- तेलंगाना में हैदराबाद और मेडचल मालकजगिरी
इन जिलों में ना सिर्फ ज्यादा मृत्यु दर है, बल्कि भारत के कुल एक्टिव केस में से 17% यहां से हैं. वहीं इन जगहों पर सबसे ज्यादा नए केस रिपोर्ट हो रहे हैं.
पिछले दो दिनों में 12 राज्यों के 29 जिले ऐसे हैं, जहां लगातार केस बढ़ रहे हैं और कोरोना संक्रमण से मौतें भी हो रही हैं. वहां के राज्य और जिले स्तर के अधिकारियों के साथ केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने बैठक की.
इन जिलों को यह सुनिश्चित करने के लिए सलाह दी गई थी कि स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी सलाह, दिशानिर्देश और क्लीनिकल ट्रीटमेंट प्रोटोकॉल को अपनाया जाए और प्रभावी ढंग से कोविड-19 रोगियों और अन्य लोगों के बीच अन्य रोके जा सकने वाली मौतों को कम करने के लिए कार्यान्वित किया जाए. विशेष रूप से रुग्ण, गर्भवती महिलाएं, बुजुर्ग और बच्चे. वहीं, इन राज्यों को सलाह दी गई कि वो टेस्टिंग फैसिलिटी, सर्विलांस, हॉस्पिटल में जरूरी सुविधाओं को भी बढ़ाएं.
इसके अलावा ये भी सलाह दी गई है कि एम्स, नई दिल्ली मंगलवार और शुक्रवार को सप्ताह में दो बार वर्चुअल सेशन आयोजित करता है, जहां डॉक्टरों की एक विशेषज्ञ टीम टेली-विडियो/वीडियो परामर्श के माध्यम से विभिन्न राज्यों के अस्पतालों के आईसीयू में कोरोना के प्रभावी क्लीनिकल मैनेजमेंट पर मार्गदर्शन प्रदान करती है. इसका पालन करें और मामले की दर कम करें.
वहीं टेस्टिंग, ट्रेसिंग और ट्रीटमेंट पॉलिसी को अच्छे से लागू करें. ज्यादा से ज्यादा टेस्टिंग कराएं. हल्के या बिना लक्षण वाले मरीजों के आइसोलेशन और इलाज पर भी ध्यान दें.
भारत में कोरोना संक्रमित मरीजों की कुल संख्या 20,88,611 हो गई है, जिसमें 6,19,088 एक्टिव केस हैं, जिनका इलाज चल रहा है जबकि 42,518 मरीजों की मौत हो चुकी है. वहीं इस संक्रमण से अब तक 14,27,005 पूरी तरह ठीक हो चुके हैं. भारत में संक्रमण से ठीक होने की दर यानी रिकवरी रेट 68.32% है.
यह भी पढ़ें:
28 दिन बाद अभिषेक बच्चन की कोरोना रिपोर्ट आई निगेटिव, अभिनेता बोले- मैंने कहा था इसे हरा दूंगा