Coronavirus India: देश में कोरोना के मामलों को ध्यान में रखते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय को एक चिट्ठी लिखी है. इस चिट्ठी में मंत्रालय को रैंडम टेस्टिंग और कुछ दिशा निर्देश दिए गए हैं. चिट्ठी में लिखा है कि स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय कोविड के बढ़ती स्थिति पर पैनी नजर रखे हुए है और सिविल एविएशन मंत्रालय को भी दिशा निर्देश दिए हैं.


स्वास्थ्य सचिव ने नागरिक उड्डयन मंत्रालय को दिशानिर्देश जारी करते हुए कहा है कि मंत्रालय को सुनिश्चित करना है कि एक फ्लाइट में कुल यात्रियों के 2 प्रतिशत लोगों के रैंडम सैम्पल कोविड की जांच के लिए जाएं. एयरलाइन ऐसे यात्रियों की पहचान करेगी जिनका सैंपल लेने के बाद एयरपोर्ट से जाने दिया जा रहा है. पॉजिटिव सैंपल टेस्टिंग वाले नमूनों को जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेजा जाएगा. हालांकि, जो दिशानिर्देश दिए गए हैं उनमें पहले वाली गाइ़डलाइन्स को रिवाइज किया गया है. जो नईं हैं वो इस प्रकार हैं- 


जानें, क्या है दिशा निर्देश?



  • एक फ्लाइट में कुल यात्रियों के 2 प्रतिशत उप वर्गों के आगमन पर रैंडम टेस्ट किया जाए.

  • यात्रियों की पहचान एयरलाइन करेगी, फिर चाहे वो अलग-अलग देशों के ही क्यों न हों.

  • यात्रियों का टेस्ट होने के बाद वो अपने सैंपल को जमा करेंगे. उन्हें हवाई अड्डे से जाने की अनुमति दे दी जाएगी.

  • पॉजिटिव आने वाले यात्रियों की रिपोर्ट को एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम के साथ shoc.idsp@ncdc.gov.in पर साझा किया जाएगा. जिससे कि आगे की कार्रवाई के लिए इसे संबंधित राज्य या उस क्षेत्र के साथ इसको शेयर किया जा सके.

  • अगर किसी यात्री का टेस्ट पॉजिटिव आता है तो उसके सैंपल INSACOG प्रयोगशाला नेटवर्क में जीनोमिक परीक्षण के लिए भेजे जाने चाहिए.

  • यह व्यवस्था शनिवार, 24 दिसंबर, 2022 को सुबह 10 बजे से लागू हो जाएगी.


पीएम मोदी ने भी एयरपोर्ट पर निगरानी की दी सलाह


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना को लेकर एक हाईलेवल रिव्यू मीटिंग की थी. इस बैठक में भी पीएम मोदी ने इंटरनेशनल एयरपोर्ट्स पर अधिक निगरानी रखने की सलाह दी थी. इसके अलावा उन्होंने जीनोम सीक्वेंसिंग और टेस्टिंग बढ़ाने पर फोकस करने के लिए भी कहा था. इस बैठक में स्वास्थ्य मंत्रालय ने पीएम मोदी को विस्तार से ब्रीफिंग दी थी.


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