छत्तीसगढ़ में भी दिल्ली जैसा मामला, 11 संसदीय सचिवों की नियुक्ति को लेकर हाईकोर्ट में सुनवाई आज
छत्तीसगढ़ में बहुमत के लिए 45 सीटों की जरूरत है और अगर बीजेपी के 11 विधायकों की सदस्यता रद्द होती है तो बीजेपी के पास 38 विधायक ही बच जाएंगे, जो कि सरकार के लिए खतरे की घंटी साबित हो सकती है.
बिलासपुर: छत्तीसगढ़ में 11 संसदीय सचिवों की नियुक्ति को लेकर बिलासपुर हाई कोर्ट में मंगलवार को सुनवाई होगी. छत्तीसगढ़ संसदीय सचिवों के मामले में कुल चार याचिकाएं दायर की गई थीं. याचिकाओं में यह कहा गया है कि संसदीय सचिवों की नियुक्ति संवैधानिक नहीं है. इस मामले में हाईकोर्ट ने संसदीय सचिवों के पावर को सीज करने का भी आदेश दिया है.
दिल्ली में संसदीय सचिवों पर फैसले के बाद अब इस मामले पर सबकी निगाहें टिकी हुई हैं. बता दें कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी के 21 विधायकों को संसदीय सचिव बनाकर उन्हें लाभ का पद देने के मामले में चुनाव आयोग ने 20 विधायकों की सदस्यता रद्द कर दी थी. अगर दिल्ली का फैसला छत्तीसगढ़ में दोहराया जाता है तो सरकार के सामने संवैधानिक संकट खड़ा हो सकता है.
छत्तीसगढ़ में बहुमत के लिए 45 सीटों की जरूरत है और अगर बीजेपी के 11 विधायकों की सदस्यता रद्द होती है तो बीजेपी के पास 38 विधायक ही बच जाएंगे, जो कि सरकार के लिए खतरे की घंटी साबित हो सकती है. हालांकि छत्तीसगढ़ में विधानसभा से संसदीय सचिव मामले पर 2007 में कानून पास किया गया था जिसके बाद नियुक्ति की गई है. इसके चलते दिल्ली जैसे फैसले की उम्मीद नहीं की जा रही है. इस पर सुनवाई आज दोपहर करीब 12 बजे हो सकती है.
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