Bilkis Bano: वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल (Kapil Sibbal) और अपर्णा भट्ट (Aparna Bhat) ने बिलकिस बानो (Bilkis Bano) केस के दोषियों की रिहाई के गुजरात (Gujarat) सरकार के आदेश का मामला सुप्रीम कोर्ट में रखा है. उन्होंने कहा, महिला के रेप और परिवार की हत्या जैसे जघन्य अपराध के दोषियों की सज़ा खत्म करना गलत है. जिसके बाद चीफ जस्टिस ने मामले पर सुनवाई का आश्वासन दिया.
हालांकि, ये सुनवाई कब होगी अभी तारीख तय नहीं है. इसके अलावा, चीफ जस्टिस ने अभी सिर्फ विचार का भरोसा दिया है. दरअसल, बिलकिस बानो रेप केस (Bilkis Bano Rape Case) में 11 दोषियों की रिहाई के फैसले के बाद गुजरात सरकार (Gujarat Government) और बीजेपी घिर गई है.
दोषियों की रिहाई के बाद बिलकिस बानो ने निराशा जताते हुए कहा था- मैं हैरान हूं
गुजरात सरकार द्वारा दोषियों की रिहाई के बाद बिलकिस बानो ने निराशा जताते हुए कहा था कि, "आज से दो दिन पहले 15 अगस्त 2022 को जो हुआ वह मुझे 20 साल पहले हुए हादसे की यादों में लेकर चला गया. मैंने जब से ये सुना है कि जिन 11 अपराधियों ने मेरे परिवार और मेरे जीवन को तबाह कर दिया था, उनकी सजा माफ कर दी गई है. मैं इससे बहुत दुखी हूं. उन्होंने मुझसे मेरी तीन साल की बेटी भी छीन ली थी, मेरा परिवार मुझसे छीन लिया था और आज वह माफ कर दिए गए. मैं हैरान हूं."
कांग्रेस ने बीजेपी को घेरा
वहीं, कांग्रेस ने भी इस पूरे मामले पर बीजेपी को घेरते हुए कहा था कि, "महिला सुरक्षा और सम्मान का दावा करने वाली बीजेपी सरकार से देश की एक बेटी बिलकिस बानो अपने साथ हुए अन्याय का सबूत मांग रही है." कांग्रेस ने आगे कहा, आज भी मोदी जी खामोश खड़े हैं और यह देश देख रहा है.
साल 2002 में...
बता दें, साल 2002 में हुए गोधरा कांड के बाद गुजरात दंगों में भीड़ ने बिलकिस बानो के परिवार पर हमला कर दिया था. मामले में मुंबई सीबीआई की एक स्पेशल कोर्ट ने 11 दोषियों को 21 जनवरी 2008 को गैंग रेप और बिलकिस बानो के परिवार के सात सदस्यों की हत्या के जुर्म में आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी.
यह भी पढ़ें.